Narasimha Temple: दुनिया का अनोखा मंदिर, जहां स्थापित है भगवान नरसिंह की जीवित प्रतिमा! जानें रहस्य
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Narasimha Temple: दुनिया का अनोखा मंदिर, जहां स्थापित है भगवान नरसिंह की जीवित प्रतिमा! जानें रहस्य

Narasimha Swami Temple: वैसे तो देशभर में भगवान नरसिंह के कई मंदिर मौजूद हैं, लेकिन एक मंदिर ऐसा हैं, जहां उनकी जीवित प्रतिमा स्थापित है. आइए जानते हैं इस रहस्यमयी मंदिर के बारे में.

Narasimha Temple: दुनिया का अनोखा मंदिर, जहां स्थापित है भगवान नरसिंह की जीवित प्रतिमा! जानें रहस्य

Narasimha Swami Temple Mystery: भगवान नरसिंह, भगवान विष्णु के चौथे अवतार माने जाते हैं, जिन्होंने अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए यह दिव्य रूप धारण किया था. तेलंगाना के वारंगल शहर में स्थित मल्लूर नरसिंह स्वामी मंदिर भगवान नरसिंह को समर्पित एक अनोखा और चमत्कारी मंदिर है. इस मंदिर में स्थापित भगवान नरसिंह की मूर्ति को जीवित प्रतिमा माना जाता है. आइए जानते हैं कि आखिर इस मंदिर से जुड़ा रहस्य क्या है.

भगवान नरसिंह की जीवित प्रतिमा का क्या है रहस्य

मंदिर की प्रतिमा 10 फीट ऊंची है और इसे लेकर भक्तों का मानना है कि इसमें दिव्य ऊर्जा का वास है. मूर्ति की आंखें, मुखमंडल और त्वचा एक जीवित व्यक्ति की तरह प्रतीत होती हैं. प्रतिमा की त्वचा इंसानी त्वचा जैसी मुलायम है, और अगर इसे दबाया जाए तो त्वचा पर गड्ढा बन जाता है. कई बार तो उसमें से रक्त जैसा तरल निकलने की घटनाएं भी सामने आई हैं.

इस चमत्कार के कारण मंदिर के पुजारी मूर्ति पर नियमित रूप से चंदन का लेप करते हैं ताकि प्रतिमा की स्थिति स्थिर रहे और किसी तरह की अनहोनी न हो. भक्तों का कहना है कि भगवान नरसिंह की प्रतिमा में उनके दिव्य रूप की वास्तविक उपस्थिति है, जिससे वे भक्तों की प्रार्थनाओं का उत्तर देते हैं.

150 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचते हैं मंदिर

यह मंदिर भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि भगवान नरसिंह इस मंदिर में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. यहां आने वाले भक्तों ने कई चमत्कारी अनुभवों की कहानियां साझा की हैं. श्रद्धालु लंबी यात्राएं करके यहां दर्शन के लिए आते हैं और मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 150 सीढ़ियां चढ़ते हैं. इस मंदिर की यात्रा के दौरान भक्तों को शांति, सकारात्मक ऊर्जा और भगवान नरसिंह का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मंदिर का वातावरण भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देता है और उनकी आध्यात्मिक यात्रा को अद्वितीय बनाता है.

मंदिर की अद्भुत वास्तुकला

मल्लूर नरसिंह स्वामी मंदिर दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला पर आधारित है. इसका मुख्य प्रवेश द्वार पारंपरिक गोपुरम शैली में बना है, जबकि मंदिर की दीवारें देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियों और पौराणिक कथाओं की जटिल नक्काशी से सजी हैं.

ब्रह्मोत्सवम उत्सव  पर लगता है भक्तों का तांता

मंदिर में हर साल ब्रह्मोत्सवम उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान नरसिंह की मूर्ति को भव्य शोभायात्रा में ले जाया जाता है. इस उत्सव में देशभर से श्रद्धालु आते हैं और दिव्य ऊर्जा का अनुभव करते हैं. मल्लूर नरसिंह स्वामी मंदिर सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा केंद्र है, जहां भक्त अपने भगवान को साक्षात अनुभव करते हैं. यह मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अद्वितीय है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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