मौनी अमावस्या पर करें ये काम, पितृदोष से मिल जाएगी मुक्ति; जानें स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त
Advertisement
trendingNow12598326

मौनी अमावस्या पर करें ये काम, पितृदोष से मिल जाएगी मुक्ति; जानें स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त

Mauni Amavasya 2025 Pitra Dosh Upay: इस बार की मौनी अमावस्या बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि महाकुंभ के बीच ऐसा शुभ संयोग बनने जा रहा है. 

मौनी अमावस्या पर करें ये काम, पितृदोष से मिल जाएगी मुक्ति; जानें स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त

Mauni Amavasya 2025 Pitra Dosh Upay: महाकुंभ के बीच मौनी अमावस्या का विशेष संयोग बन रहा है. धार्मिक परंपरा के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन दान करने से कई गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या के दिन पितृ पूजन का भी विशेष महत्व है. इस दिन कुछ खास उपायों से  पितृदोष शांत किया जा सकता है. आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और इस दिन कौन सा उपाय करने पर  पितृ दोष से छुटकारा मिल सकता है. 

सूर्य देव को जल अर्पित करें

पितृ दोष से मुक्ति के लिए इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करना शुभ माना जाता है. इसके लिए एक लोटे में जल भरें और उसमें लाल फूल और काले तिल मिलाएं. पितरों की शांति की प्रार्थना करते हुए सूर्य देव को यह जल अर्पित करें.

पीपल के पेड़ की पूजा 

पीपल के पेड़ पर सफेद रंग की मिठाई चढ़ाएं और पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें. यह उपाय पितरों की कृपा पाने के लिए बेहद प्रभावशाली माना जाता है.

दान 
 
मौनी अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल और वस्त्र का दान अवश्य करें. इससे पितृ दोष में कमी आती है और आपको पुण्य की प्राप्ति होती है.
 
पितृ दोष निवारण के लिए करें ये उपाय

मौनी अमावस्या पर घर की दक्षिण दिशा में सफेद वस्त्र बिछाएं. उस पर थोड़े से काले तिल रखें. तिल के ऊपर पीतल या तांबे का पितृ यंत्र स्थापित करें. अब पितरों के लिए यंत्र के बाईं ओर तिल के तेल का दीपक जलाएं. इसके बाद जल से भरा एक स्टील का लोटा बीच में रखें. लोटे के ऊपर स्टील की प्लेट रखें और उस पर तिल लगी रोटी रखें. रोटी के ऊपर तुलसी का पत्ता और एक सफेद फूल अर्पित करें. रोटी पर चंदन से तिलक करें. इसके बाद रोटी के चार भाग करें और इसका पहला हिस्सा कुत्ते को, दूसरा हिस्सा गाय को, तीसरा हिस्सा कौवे को और चौथा हिस्सा पीपल के नीचे अर्पित कर दें. ध्यान रखें कि पूरे उपाय के दौरान आपको मौन रहना है. इस विधि को श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और पितृ दोष का निवारण होता है. 

कब है मौनी अमावस्या 2025?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 28 जनवरी को शाम 7:35 बजे होगा. यह तिथि 29 जनवरी को शाम 6:05 बजे समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, मौनी अमावस्या का पर्व इस बार 29 जनवरी को मनाया जाएगा.

मौनी अमावस्या 2025 स्नान-दान मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक, अमावस्या के दिन स्नान और दान का शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त से ही आरंभ हो जाएगा. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:25 बजे शुरू होकर सुबह 6:18 बजे तक रहेगा. पूरे दिन के शुभ योगों की बात करें तो, सुबह से रात 9:22 बजे तक सिद्धि योग रहेगा. इसके साथ ही अमृत काल सुबह 9:19 बजे से रात 10:51 बजे तक रहेगा. ऐसे में इन शुभ मुहूर्तों में स्नान-दान किया जा सकता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news