Main Gate Vastu: सुख-समृद्धि के लिए खास होता है घर का मुख्य द्वार, जानिए इससे जुड़ा हर एक वास्तु नियम
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Main Gate Vastu: सुख-समृद्धि के लिए खास होता है घर का मुख्य द्वार, जानिए इससे जुड़ा हर एक वास्तु नियम

Vastu Tips For Main Gate: घर के मुख्य द्वार का वास्तु शास्त्र में अत्यधिक महत्व है. सही दिशा, रंग, और डिज़ाइन का ध्यान रखते हुए आप अपने घर में सुख, समृद्धि और शांति ला सकते हैं. वास्तु के छोटे-छोटे नियमों का पालन करके आप जीवन में प्रगति और सफलता पा सकते हैं. 

Main Gate Vastu: सुख-समृद्धि के लिए खास होता है घर का मुख्य द्वार, जानिए इससे जुड़ा हर एक वास्तु नियम

Vastu Tips For Main Gate: मुख्य द्वार को घर का "प्रवेश द्वार" कहा जाता है. यह घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा को प्रभावित करता है. सही दिशा में मुख्य द्वार होना आवश्यक है, क्योंकि यह हमारे जीवन को खुशहाल और समृद्ध बना सकता है. अगर मुख्य द्वार गलत दिशा में होता है, तो यह न केवल घर की ऊर्जा को नकारात्मक बना सकता है, बल्कि इससे घर के सदस्यों के स्वास्थ्य, करियर और रिश्तों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए, वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार का स्थान और दिशा का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण है.

मुख्य द्वार की दिशा का प्रभाव 

वास्तु शास्त्र में घर की आठ दिशाओं का उल्लेख किया गया है और प्रत्येक दिशा का अपना महत्व है. आइए जानते हैं कि प्रत्येक दिशा में मुख्य द्वार होने का क्या प्रभाव हो सकता है.

उत्तर दिशा- कुबेर की दिशा

उत्तर दिशा को "कुबेर की दिशा" माना जाता है. यह दिशा धन और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है. अगर घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा में है, तो यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और घर के सदस्यों के आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाता है. इस दिशा में मुख्य द्वार होने से करियर में भी तरक्की मिलती है.

टिप्स: इस दिशा में मुख्य द्वार को साफ और रोशन रखें। इस पर तोरण या शुभ प्रतीक लगाना शुभ होता है, जो घर में सुख-समृद्धि का संचार करता है।

पूर्व दिशा- सूर्य की दिशा

पूर्व दिशा को सूर्य की दिशा कहा जाता है. यह दिशा नई शुरुआत और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है. यदि मुख्य द्वार इस दिशा में है, तो यह घर में स्वास्थ्य, मानसिक शांति और खुशी का संचार करता है. सूर्य के प्रकाश को आकर्षित करने वाली दिशा होने के कारण, यह दिशा घर के हर सदस्य के लिए फायदेमंद होती है.

टिप्स: इस दिशा के दरवाजे को रंग-बिरंगी तोरणों से सजाएं और नियमित सफाई रखें, ताकि यह दिशा और अधिक सकारात्मक ऊर्जा से भर सके.

दक्षिण दिशा-चुनौतीपूर्ण दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा मुख्य द्वार के लिए एक चुनौतीपूर्ण दिशा मानी जाती है. अगर मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में होता है, तो यह घर में नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकता है. इस दिशा में मुख्य द्वार होने से घर में वित्तीय संकट, स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक तनाव बढ़ सकते हैं.

टिप्स: अगर मुख्य द्वार इस दिशा में है, तो दरवाजे पर वास्तु दोष निवारण के लिए पिरामिड या शीशा लगाना चाहिए. साथ ही, नियमित रूप से इस दिशा की सफाई करनी चाहिए.

पश्चिम दिशा- मिश्रित प्रभाव

पश्चिम दिशा का प्रभाव मिश्रित होता है. यह दिशा रचनात्मकता, सामाजिक संबंधों और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देती है, लेकिन इसका असर हर किसी पर अलग-अलग हो सकता है. इस दिशा में मुख्य द्वार होने पर, घर के लोग अपने सामाजिक जीवन में अधिक सक्रिय हो सकते हैं और अपने रिश्तों में सुधार कर सकते हैं.

टिप्स: इस दिशा में हल्के रंगों का उपयोग करें और दरवाजे के पास पौधे लगाएं, ताकि यह दिशा अधिक सकारात्मक बने.

मुख्य द्वार के लिए वास्तु के नियम 

वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार के आकार और डिजाइन का भी विशेष महत्व है. आइए जानते हैं कुछ वास्तु शास्त्र के नियम जो घर के मुख्य द्वार को प्रभावी बनाने में मदद कर सकते हैं.

1. आकार और डिजाइन- मुख्य द्वार का आकार बड़ा और खुला होना चाहिए। यह ऊर्जा के प्रवाह को बाधित नहीं करता। इसके अलावा, दरवाजे पर शुभ प्रतीक जैसे स्वस्तिक, ओम या मंगल कलश का चित्रण करने से सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।

2. साफ-सफाई और रोशनी- मुख्य द्वार के आसपास हमेशा साफ-सफाई रखें। गंदगी और अंधेरा घर में नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं। इसलिए, सुनिश्चित करें कि दरवाजा हमेशा साफ और रोशन रहे।

3. दहलीज का महत्व- वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार पर लकड़ी की दहलीज लगाना शुभ होता है। यह बाहरी नकारात्मक ऊर्जा से घर को बचाता है।

मुख्य द्वार के पास क्या करें और क्या न करें

मुख्य द्वार के आसपास कुछ सामान्य सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए ताकि ऊर्जा का प्रवाह सकारात्मक बने.

क्या करें?

दरवाजे के पास तुलसी का पौधा लगाएं, जो घर में शांति और सकारात्मकता लाता है.

शुभ रंगों का उपयोग करें, जैसे हल्का हरा, सफेद या क्रीम.

दरवाजे पर नाम प्लेट को साफ और आकर्षक रखें.

क्या न करें?

मुख्य द्वार के सामने जूते-चप्पल न रखें, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा का आगमन हो सकता है.

दरवाजे के ठीक सामने कचरा या गंदगी न रखें, क्योंकि यह भी नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है.

मुख्य द्वार के सामने टूटे हुए सामान या बंद दरवाजे न रखें, क्योंकि इससे घर में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

मुख्य द्वार पर शुभ प्रतीकों का महत्व

मुख्य द्वार पर शुभ प्रतीकों का उपयोग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करता है. स्वस्तिक, ओम् और मंगल कलश जैसे प्रतीक घर के लिए शुभ माने जाते हैं। इनके साथ रंगोली या तोरण भी ऊर्जा संतुलन को बढ़ावा देते हैं, जिससे घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है.

मुख्य द्वार से जुड़ी आम वास्तु गलतियां

वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार से जुड़ी कुछ सामान्य गलतियों से बचना चाहिए.

दरवाजे का असंतुलन- अगर मुख्य द्वार झुका हुआ या ठीक से नहीं खुलता, तो यह अशुभ माना जाता है.

गलत दिशा: दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार का होना वास्तु दोष पैदा कर सकता है.

दरवाजे का आकार: अगर मुख्य द्वार का आकार बहुत छोटा या असामान्य होता है, तो यह वास्तु के विपरीत माना जाता है.

मुख्य द्वार और रंगों का महत्व

मुख्य द्वार के लिए सही रंग का चुनाव वास्तु शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि रंगों का प्रभाव सीधे हमारी मानसिक स्थिति और ऊर्जा पर पड़ता है.

उत्तर दिशा- हल्का हरा या नीला

पूर्व दिशा- सफेद या हल्का पीला

दक्षिण दिशा- लाल या गुलाबी

पश्चिम दिशा- ग्रे या हल्का भूरा

घर के मुख्य द्वार का वास्तु शास्त्र में अत्यधिक महत्व है. सही दिशा, रंग, और डिज़ाइन का ध्यान रखते हुए आप अपने घर में सुख, समृद्धि और शांति ला सकते हैं. वास्तु के छोटे-छोटे नियमों का पालन करके आप जीवन में प्रगति और सफलता पा सकते हैं. अगर मुख्य द्वार सही दिशा में नहीं है, तो वास्तु उपायों का पालन करके इसके प्रभाव को संतुलित किया जा सकता है. सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और जीवन में प्रगति पाने के लिए घर के मुख्य द्वार की दिशा और वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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