Saraswati Puja: बसंत पंचमी पर मां शारदे को अर्पित करें ये सुंदर फूल, सरस्वती पूजा पर माता बरसाएंगी कृपा
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Saraswati Puja: बसंत पंचमी पर मां शारदे को अर्पित करें ये सुंदर फूल, सरस्वती पूजा पर माता बरसाएंगी कृपा

which colour flower offer to saraswati: इस साल 2 फरवरी को बसंत पंचमी का त्यौहार है. इस साल की सरस्वती पूजा पर फूलों से जुड़ी कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें. दरअसल, कुछ ऐसे फूल हैं तो माता को अतिप्रिय हैं तो वहीं कुछ फूल माता को कतई प्रिय नहीं है. आइए इस बारे में विस्तार से जानें.

Saraswati Puja

Basant Panchami 2025: कला, विद्या, बुद्धि और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माता सरस्वती की कृपा जिस व्यक्ति पर हो वह अपने दिमाग के बल पर माता लक्ष्मी को भी प्रसन्न कर सकता है. मां शारदे की उपासना से पढ़ाई-लिखाई में मन एकाग्र हो पाता है. बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा का त्यौहार छात्रों और शिक्षकों से लेकर शिक्षा से जुड़े संस्थानों के लिए बहुत विशेष होता है. सरस्वती पूजा इस साल 2 फरवरी को मनाया जाएगा. 

विशेष पूजा अनुष्ठान
वैसे तो बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की विशेष पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं लेकिन जहां तक संभव हो माता की पूजा बहुत ही सादगी से की जाती है. वो साधक जो वसंत पंचमी पर माता सरस्वती को प्रसन्न करना चाहते है और ज्ञान का आशीर्वाद चाहते हैं, उन्हें पूजा की थाल में माता के प्रिय फूलों को जरूर स्थान देना चाहिए. मां शारदे के प्रिय फूलों को अर्पित करने से माता प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं. ऐसे में आइए जानें फूलों से जुड़े कुछ जरूरी जानकारी.

फूलों से माता का श्रृंगार 
शास्त्रों के अनुसार देवी सरस्वती को सफेद और पीले रंग अति प्रिय हैं ऐसे में कोशिश करें कि उनकी पूजा में पीला और सफेद रंग के फूल अर्पित करें. फूल चढ़ाते समय आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि फूल बासी या सूखे न हो, शुद्ध हो. अगर अच्छी मात्रा में अपके पास फूल हैं तो माता का श्रृंगार आप फूलों से करें, माता अति प्रसन्न होंगी. 

पूजा में रखें ये फूल 
सरस्वती पूजा में सफेद और पीले रंग के फूल माता को अर्पित करें. 
कनेर, गुलाब, चांदनी, कमल और गेंदे के फूल माता को अति प्रिय हैं.
 प्रेम और भक्ति का प्रतीक जुही का फूल भी माता को अर्पित कर सकते हैं. 
अपराजिता फूल को मां सरस्वती को अर्पित कर सकते हैं. इसे शुभ माना गया है. 
चमेली का फूल मां सरस्वती को अर्पित करने से मानसिक शांति मिलती है. 
चंपा के फूलों को भी माता की पूजा में रख सकते हैं.
सर्दियों में गेंदे का फूल बहुत अच्छा खिलता है ऐसे में माता को इसकी बनी माला भी अर्पित कर सकते हैं. 
गेंदे के फूल आसानी से मिल जाता है तो माता सरस्वती की पूजा भी आप बड़ी ही आसानी से इस फूल से कर सकते हैं. 

इन फूलों को चढ़ाने से करें परहेज 
माता सरस्वती की पूजा में अगर केतकी के फूलों को रख रहे हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. देवी-देवताओं की पूजा में केतकी के फूल को पूजन सामग्री में रखना या भगवान को अर्पित करना वर्जित है. ऐसे में माता सरस्वती की पूजा में केतकी का फूल भूलकर भी न रखें. केतकी के अलावा केसरिया या केसरइय्या के फूल माता की पूजा में रख सकते हैं.

फूलों से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान
माता सरस्वती या किसी भी और भगवान की पूजा में बासी, मुरझाए और जमीन पर गिरे फूलों को अर्पित करना वर्जित है. ऐसे फूल को माता सरस्वती की पूजा में न रखें और न ही इन फूलों की माला बनाएं. बासी और अशुद्ध फूल चढ़ाने से माता सरस्वती नाराज हो सकती हैं, पूजा की दूसरी सामग्रियों की भी शुद्धता और पवित्रता बनाए रखें. 
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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