Saraswati Puja 2025 Date: सरस्वती पूजा के दिन पूजा करते समय मन को साफ रखें. किसी का बूरा सोचते हुए पूजा अर्चना करने का कोई फल नहीं मिलता. मां सरस्वती का बसंत पंचमी तिथि पर ही जन्म हुआ ऐसे में इस दिन ज्ञान की देवी की भव्य पूजा की जाती है. 2025 में कब है सरस्वती पूजा इस बारे में आइए विस्तार से जाते हैं.
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Saraswati Puja 2025: माघ माह के प्रमुख त्योहारों में से एक है सरस्वती पूजा जो बसंत पचंमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन हम सरस्वती माता की पूजा करते हैं और उनसे ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. ज्ञान की देवी मां सरस्वती का इसी दिन जन्म हुआ था जिनके एक हाथ में पुस्तक, दो हाथों में वीणा और एक हाथ में माला है, माता श्वेत कमल पर विराजती हैं.
2 या 3 फरवरी को, कब है सरस्वती पूजा
बसंत पचंमी के दिन मां सरस्वती की पूजा आराधना करने का विधान है. मां सरस्वती ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान के साथ ही शिल्प कला की अधिष्ठात्री देवी हैं ऐसे में इस दिन को श्री पंचमी, माघ पंचमी के रूप में भी जाना जाता है. साल 2025 की बात करें तो सरस्वती पूजा की सही डेट को लेकर लोग बहुत कनफ्यूज हैं लेकिन अब आपको जरूर सही डेट मिल जाएगी. 2 या 3 फरवरी को, आखिर किस दिन मां सरस्वती का पूजन किया जाए, अगर आपका भी यही सवाल है तो ध्यान दे कि बसंत पंचमी का त्योहार माघ माह के शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि पर मनाया जाता है.
सरस्वती पूजा 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग को देखें तो पता चलता है कि बसंत पंचमी की तिथि रविवार को 2 फरवरी 2025 को सुबह के समय 09.14 पर लग रही है. जो कि अगले दिन यानी सोमवार 03 फरवरी, 2025 को सुबह के 06.52 मिनट पर खत्म हो रही है. उदया तिथि के अनुसार साल 2025 में बसंत पचंमी का त्योहार 2 फरवरी को मनाई जाएगा. सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह के 7 बजतक 09 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक रहने वाला है. साधकों को इन्हीं घंटों के बीच सरस्वती पूजा शुभ मुहूर्त में कर लेनी चाहिए.
मां सरस्वती की पूजा विधि
मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले और साफ वस्त्र पर स्थापित करें.
माता को पीला वस्त्र धारण करवाएं और पीले रंग का टीका लगाएं. माता को सफेद और पीले रंग का फूल अति प्रिय हैं तो ये जरूर अर्पित करें.
माता को पीला रंग अति प्रिय हैं तो कोशिश करें कि पूजा सामग्री में पीले रंग के वस्तु अधिक हो जैसे प्रसाद, फल या फिर वस्त्र.
इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण कर ही पूजा के लिए बैठें.
मां सरस्वती को हल्दी, पीले रंग की मिठाई और पीले फल अर्पित करते हुए अपने मन को पूरी तरह से साफ रखें.
इस दिन पढ़ाई और ज्ञान संबंधी चीजों की आराधना करें. पूजा स्थल पर पेन, कॉपी, किताब जैसी सामग्री भ रख सकते हैं.
सरस्वती पूजा के दिन केसर वाले पीले चावल का भोग माता को लगाएं.
इन सभी कार्यों से माता बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद देंगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)