Indias First Jumbo Train: 2 इंजन, 21 कोच और 2188 किलोमीटर का लंबा सफर; भारत की पहली जंबो ट्रेन की कहानी
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Indias First Jumbo Train: 2 इंजन, 21 कोच और 2188 किलोमीटर का लंबा सफर; भारत की पहली जंबो ट्रेन की कहानी

Indian Railways: क्या आप भारत की पहली जंबो ट्रेन के बारे में जानते हैं. जब यह ट्रेन पटरी पर दौड़ी थी तो यह रेलवे के लिए ऐतिहासिक पल था. 29 जनवरी 1983 को दो इंजन वाली ट्रेन ने 21 डिब्बों के साथ जब 2188 किलोमीटर लंबा सफर शुरू किया तो पूरा देश ताली बजा रहा था.

Indias First Jumbo Train: 2 इंजन, 21 कोच और 2188 किलोमीटर का लंबा सफर; भारत की पहली जंबो ट्रेन की कहानी

Indian Railways: क्या आप भारत की पहली जंबो ट्रेन के बारे में जानते हैं. जब यह ट्रेन पटरी पर दौड़ी थी तो यह रेलवे के लिए ऐतिहासिक पल था. 29 जनवरी 1983 को दो इंजन वाली ट्रेन ने 21 डिब्बों के साथ जब 2188 किलोमीटर लंबा सफर शुरू किया तो पूरा देश ताली बजा रहा था. यह कोई कल्पना नहीं बल्कि भारत की पहली जंबो ट्रेन की कहानी है. तमिलनाडु एक्सप्रेस को 29 जनवरी 1983 को नए रूप में पेश किया गया और यह इंडियन रेलवे के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई. इसे 'जंबो ट्रेन' नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यह उस समय की सबसे लंबी और सबसे खास यात्री ट्रेन थी. इस ट्रेन ने न केवल यात्रियों को लंबी दूरी तय करने का नया अनुभव दिया बल्कि इंडियन रेलवे की तकनीकी क्षमता को भी साबित किया.

रेलवे का गौरवशाली इतिहास

भारत में रेल यात्रा की शुरुआत 1832 में हुई थी. जब मद्रास (अब चेन्नई) में पहली बार रेलवे प्रोजेक्ट्स का प्रस्ताव रखा गया. इसके बाद 1837 में रेड हिल्स से चिन्ताद्रिपेट ब्रिज तक देश की पहली ट्रेन चली. लेकिन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई के बोरी बंदर स्टेशन से ठाणे के बीच पहली यात्री ट्रेन चलने के साथ ही रेलवे ने भारत में परिवहन के एक नए युग की शुरुआत की.

दक्षिण भारत को उत्तर से जोड़ने की कोशिश

1970 के दशक तक दक्षिण भारत के कई हिस्से उत्तर भारत और दिल्ली से सीधी रेल कनेक्टिविटी के मामले में पीछे थे. 1976 में तमिलनाडु एक्सप्रेस की शुरुआत हुई, जिसने चेन्नई और दिल्ली के बीच सीधी रेल सेवा प्रदान की. लेकिन 1983 में इस ट्रेन को एक नया और खास रूप दिया गया.. जिसे "जंबो ट्रेन" का नाम दिया गया.

जंबो ट्रेन की खासियतें

29 जनवरी 1983 को तमिलनाडु एक्सप्रेस को भारत की पहली जंबो ट्रेन के रूप में पेश किया गया. इसकी खासियतें इसे अन्य ट्रेनों से अलग बनाती थीं..

डबल इंजन: ट्रेन में दो इंजन लगाए गए थे.. जो इसे अतिरिक्त ताकत और गति प्रदान करते थे.
21 डिब्बे: यह ट्रेन 21 डिब्बों के साथ चलती थी.. जो उस समय किसी भी यात्री ट्रेन के लिए असाधारण था.
2188 किलोमीटर की दूरी: चेन्नई से दिल्ली तक 2188 किलोमीटर का सफर इस ट्रेन की खास पहचान थी.
951 यात्रियों की क्षमता: यह ट्रेन एक बार में 951 यात्रियों को ले जाने में सक्षम थी.

जंबो ट्रेन का ऐतिहासिक महत्व

इस जंबो ट्रेन ने भारतीय रेलवे को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. यह न केवल दक्षिण भारत और उत्तर भारत को जोड़ने का एक माध्यम बनी बल्कि लंबी दूरी की यात्राओं को आरामदायक और सुविधाजनक भी बनाया. इस ट्रेन का डिजाइन और संरचना उस समय के लिए क्रांतिकारी थी और यह भारतीय रेलवे की तकनीकी प्रगति का प्रतीक बनी.

रेलवे के विकास की कहानी का हिस्सा

आज भारतीय रेलवे ने बुलेट ट्रेन जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाकर एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है, लेकिन तमिलनाडु एक्सप्रेस की जंबो ट्रेन भारतीय रेलवे के स्वर्णिम इतिहास का वह अध्याय है, जो हमेशा प्रेरणा देता रहेगा. इस ट्रेन यात्रियों को नई सुविधा प्रदान के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों को सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से जोड़ने का काम भी किया.

जंबो ट्रेन.. भारतीय रेलवे का गौरव

तमिलनाडु एक्सप्रेस का जंबो संस्करण यह साबित करता है कि भारतीय रेलवे में तकनीकी और प्रबंधन की अद्भुत क्षमता है. यह ट्रेन भारतीय रेलवे के गौरवशाली इतिहास का हिस्सा है और इसकी कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी.

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