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UPSC Success Story: इसे कहते हैं जुनून! IAS बनने के लिए छोड़ दी सरकारी नौकरी, पहले अटेम्प्ट में प्री में भी फेल

IAS Officer Jagrati Awasthi: आजकल लड़कियां हर फील्ड में अपना नाम बना रही हैं. माता-पिता भी अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए कदम उठा रहे हैं. ऐसी ही एक कहानी उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिली है. माता-पिता ने अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए हर संभव प्रयास किया और अब उनकी लाडली बेटी आईएएस अफसर है. 2020 में जागृति अवस्थी ने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया सेकंड रैंक हासिल की.

यूपीएससी की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ी

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यूपीएससी की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ी

जागृति ने भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) में नौकरी करने लगीं. हालांकि, उनका सपना IAS अधिकारी बनने का था. इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से UPSC की तैयारी में लग गईं.

फर्स्ट अटेंप्ट में प्री में भी फेल

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फर्स्ट अटेंप्ट में प्री में भी फेल

जब जागृति पहली बार यूपीएससी परीक्षा में बैठीं, तो उनकी स्ट्रेटजी काम नहीं आई. वे प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं. नतीजों के बाद निराश होने के बजाय, उन्होंने नई स्ट्रेटजी पर फोकस किया और और भी ज़्यादा मेहनत की. इसका नतीजा उनके दूसरे प्रयास में दिखा.

रोजाना 12-14 घंटे पढ़ाई

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रोजाना 12-14 घंटे पढ़ाई

परीक्षा में सफल होने के लिए जागृति ने हर दिन 12 से 14 घंटे पढ़ाई की. उन्होंने वीक सेक्शन पर फोकस किया और जितना संभव हो सके उतना सिलेबस कवर करने की प्लानिंग बनाई.

लॉकडाउन के कारण घर पर ही की तैयारी

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लॉकडाउन के कारण घर पर ही की तैयारी

जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आती गई, जागृति ने अपनी पढ़ाई के घंटे बढ़ा दिए. उन्होंने बाकी चीजों से ध्यान हटाकर मॉक टेस्ट और रिवीजन पर फोकस किया. जागृति ने दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में अपनी तैयारी शुरू की, लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें भोपाल लौटना पड़ा.

पिता होम्योपैथिक डॉक्टर

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पिता होम्योपैथिक डॉक्टर

जागृति के पिता एससी अवस्थी होम्योपैथिक डॉक्टर हैं और उनकी मां एक स्कूल टीचर थीं. उसके माता-पिता ने उन्हें मोटिवेट किया और हर कदम पर उसका साथ दिया.

 

दूसरे अटेंप्ट में सेकंड रैंक

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दूसरे अटेंप्ट में सेकंड रैंक

जागृति अपनी स्ट्रेटजी के मुताबिक पढ़ाई करती रही. नतीजा यह हुआ कि जब उन्होंने अपने दूसरे अटेंप्ट में परीक्षा दी तो वह टॉपर बनकर उभरीं.

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