कई लोग कुर्सी पर बैठने के बाद भी अपने पैरों को हिलाते रहते हैं. ज्योतिष शास्त्र में इस आदत को अच्छा नहीं माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के जानकार इसे कुंडली में चंद्र ग्रह की गड़बड़ी से जोड़कर देखते हैं. ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि बैठे-बैठे पैर हिलाना नुकसानदेह हो सकता है. यह आदत न सिर्फ शारीरिक और मानसिक सेहत पर असर डालती है, बल्कि इसके कुछ धार्मिक पहलू भी हैं. आइए जानते हैं कि बैठे-बैठे पैर हिलाना किस बात का संकेत देता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बैठकर पैर हिलाने से कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ता है. चंद्रमा मानसिक शांति और भावनाओं का प्रतीक है. जब यह कमजोर होता है, तो व्यक्ति को तनाव, घबराहट और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ता है.इसका प्रभाव घर के माहौल पर भी पड़ता है, जिससे शांति भंग होती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं.
बैठकर पैर हिलाने की आदत न केवल मानसिक स्थिति को प्रभावित करती है, बल्कि निर्णय लेने की क्षमता को भी कमजोर कर देती है. इससे आत्मविश्वास में कमी आ सकती है और व्यक्ति अपने निर्णयों को लेकर असमंजस में रहता है. यह आदत मानसिक और शारीरिक कमजोरी का संकेत हो सकती है.
धन की देवी मां लक्ष्मी को बैठकर पैर हिलाने की आदत अपमानजनक मानी जाती है. इस आदत से घर में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और धन की आवक में बाधा आ सकती है. यह आदत भाग्य में रुकावट पैदा कर सकती है.
पूजा के दौरान पैर हिलाना अशुभ माना जाता है. पूजा में ध्यान, समर्पण और मानसिक शांति का होना आवश्यक है. पैर हिलाने से ध्यान भंग होता है, जिससे पूजा का फल कम हो सकता है और ईष्ट देवता नाराज हो सकते हैं.
खाना खाते समय पैर हिलाना भी एक अशुभ आदत मानी जाती है. यह अन्न देवता का अपमान करता है और घर की सुख-शांति और समृद्धि को प्रभावित कर सकता है. इस आदत से घर में धन की कमी और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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