चाय बेचने वाले का बेटा बना IAS, बिना कोचिंग पहले प्रयास में हासिल किया यह मुकाम
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चाय बेचने वाले का बेटा बना IAS, बिना कोचिंग पहले प्रयास में हासिल किया यह मुकाम

IAS Deshal Dan Charan: देशल दान चरण के पिता कुशल दान चाय बेचने का काम करते थे. उन्होंने कभी भी यह नहीं सोचा था कि उनका बेटा एक दिन देश की सबसे कठिन परीक्षा में सफल होगा और एक प्रतिष्ठित आईएएस ऑफिसर बनेगा.

चाय बेचने वाले का बेटा बना IAS, बिना कोचिंग पहले प्रयास में हासिल किया यह मुकाम

IAS Deshal Dan Charan Success Story: संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. इस परीक्षा के लिए हर साल करीब 10 लाख उम्मीदवार आवेदन करते हैं, लेकिन उनमें से करीब 1,000 उम्मीदवार ही इस परीक्षा को पास कर आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), आईआरएस (IRS) व आईएफएस (IFS) समेत अन्य ऑफिसर के पद हासिल कर पाते हैं. बहुत से उम्मीदवार ऐसे होते हैं, जो इस परीक्षा के लिए सालों साल पढ़ाई करते है व कोचिंग भी लेते हैं, लेकिन इसके बावजूद वे इस परीक्षा को पास नहीं कर पाते हैं. वहीं, कुछ उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं, जो बिना किसी कोचिंग के पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास कर आईएएस ऑफिसर का पद हासिल कर लेते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही उम्मीदवार आईएएस देशल दान चरण (IAS Deshal Dan Charan) के बारे में बताएंगे, जिन्होंने बिना किसी कोचिंग के अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली थी.

चाय वाले का बेटा बना IAS
देशल दान चरण के पिता जी कुशल दान ने अपने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा एक दिन देश की सबसे कठिन परीक्षा में सफल होगा और एक प्रतिष्ठित आईएएस ऑफिसर बनेगा. राजस्थान के सुमलाई गांव में एक चाय बेचने वाले के बेटे, देशल दान चरण ने उस समय सभी को चौंका के रख दिया जब उन्होंने साल 2017 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवी परीक्षा पास कर डाली और ऑल इंडिया 82वीं रैंक हासिल की.

पिता ने आर्थिक संघर्ष का नहीं पड़ने दिया बेटे पर साया
देशल के पिता ने अपने बेटे को पढ़ाने के लिए लिए कई बार कर्ज लिया, लेकिन अपने आर्थिक संघर्ष का असर अपने लड़के के भविष्य पर बिल्कुल भी नहीं पड़ने दिया. ऐसे में जिस क्षेत्र से देशल आते हैं, वहां उच्च शिक्षा संस्थानों की कमी के बावजूद देशल का भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनना एक काफी बड़ी उपलब्धि है.

चाय बेचकर चलता था 10 लोगों के परिवार का खर्च
देशल का बचपन से ही सपना था कि वह एक आईएएस ऑफिसर बनें. उनके पिता कुशल दान के पास एक छोटी सी कृषि भूमि थी जिस पर वे खेती किया करते थे. इसके अलावा वे चाय बेचकर अपने 10 लोगों के परिवार का खर्च भी चलाते थे. देशल तुरंत किसी भी चीज को सीख जाने वाले और एक प्रतिभाशाली छात्र थे. इसलिए उन्होंने वित्तीय संसाधनों की कमी और कोई औपचारिक कोचिंग ना होने के बावजूद अपने दम पर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी जारी रखी.

पहले प्रयास में बिना कोचिंग क्रैक किया UPSC
देशल की तैयारी ऐसी थी कि उन्होंने महज 24 साल की उम्र में ही इस परीक्षा को पास कर डाला. इसके अलावा बता दें कि वह उस साल टॉपर्स की लिस्ट में भी शामिल हुए. देशल के सात भाई-बहनों में से एक भारतीय नौसेना (Indian Navy) में शामिल हो गए थे. वह देशल के यूपीएससी क्रैक करने के लिए प्रेरणा के निरंतर स्रोत भी थे, जिसका नतीजा यह निकला की देशल पहले प्रयास ही यह परीक्षा पास कर आईएएस ऑफिसर बन गए.

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