Brown Rice For Flat Tummy: हम में से कई लोग ऐसे हैं जो बढ़ते हुए वजन से परेशान रहते हैं, लेकिन चावल खाने का मोह नहीं छोड़ पाते. ऐसे में उनके लिए विकल्प मौजूद है.
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White Rice vs Brown Rice: कोई भी इंसान जब वजन घटाने की सोच रहा होता है तो वो सबसे डाइट में बदलाव लाता है. हेल्थ एक्सपर्ट भी ऐसे फूड्स खाने की सलाह देते हैं जिसमें कैलोरी कम हो. आमतौर पर ये माना जाता है कि अगर किसी को वेट लूज करना है तो सबसे पहले चावल (Rice) खाना कम कर देना चाहिए, लेकिन कुछ लोगों के लिए ऐसा कर पाना मुश्किल होता है, क्योंकि उन्हे ये चीज उनकी पसंदीदा लिस्ट में होती है.
अगर आप चाहते हैं कि वजन भी कम (Weight Loss) हो जाए और चावल खाना भी न छूटे तो ऐसे में व्हाइट राइस (White Rice) की जगह ब्राउन राइस (Brown Rice) खा सकते हैं. इससे कमर की चर्बी (Belly Fat) तेजी से कम होगी, हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर रोजाना डाइट (Daily Diet) में फाइबर (Fiber) की मात्रा बढ़ाएंगे शरीर में 100 कैलोरी तक कम की जा सकती है.
सफेद चावल (White Rice) खाने के अपने नुकसान हैं क्योंकि इसमें कैलोरी (Calorie) ज्यादा होती है. व्हाइट राइस की जगह जो लोग होलग्रेन (Whole Grain) जैसे ब्राउन राइस (Brown Rice) और होल व्हीट (Whole Wheat) खाते हैं वो न सिर्फ फिट रहते हैं, बल्कि उनकी एनर्जी में भी कोई कमी नहीं होती. ब्राउन राइस खाने से मेटाबॉलिज्म (Metabolism) और डाइजेशन (Digestion) भी बेहतर रहता है.
ब्राउन राइस (Brown Rice) खाने वालों को ये सलाह दी जाती है कि वो इसके साथ हर दिन करीब आधे घंटे के लिए स्पीड वॉक (Speed Walk) जरूर करें. इससे ब्लड ग्लूकोज लेवल (Blood Glucose Level) भी कंट्रोल में रहता है. अगर इस डाइट और वर्कआउट के रूटीन को कुछ हफ्ते तक फॉलो करेंगे तो बढ़ी हुई टमी भी फ्लैट (Flat Tummy) हो जाएगी.
ब्राउन राइस (Brown Rice) में मौजूद डायटरी फाइबर (Dietary Fiber) और होल ग्रेन क्रोनिक डिजीज के खतरे को काफी कम कर देता है. इसका सेवन करने वालों को हार्ट अटैक (Heart Attack), कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) या ट्रिपल वेसल डिजीज (Triple Vessel Disease) जैसी बीमारियों का डर कम हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)