Maharashtra News: महाराष्ट्र के पुणे में गुलेन बैरी सिंड्रोम (GBS) नामक दुर्लभ बीमारी ने 101 को लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, जिनमें से 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. सोलापुर में GBS से एक मरीज की मौत की भी पुष्टि हुई है. आइए जानते हैं गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बीमारी के लक्षण.
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Guillain-Barre Syndrome: महाराष्ट्र के पुणे में इस वक्त एक दुर्लभ बीमारी ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’(जीबीएस) से हड़कंप मच हुआ है. जीबीएस के करीब 100 से ज्यादा मामले पुणे में अब तक दर्ज किए जा चुके हैं. साथ ही इस बीमारी से पीड़ित एक मरीज की सोलापुर जिले में संदिग्ध मौत की भी पुष्टि हुई है. महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम?
सोलापुर जीबीएस के कारण हुई मौत का संभवत: महाराष्ट्र में पहला मामला है. हेल्थ अफसरों ने बताया कि सोलापुर का रहने वाला 40 साल का यह शख्स पुणे आया था. ऐसा संदेह है कि वह पुणे में ही संक्रमित हुआ हो. सोलापुर सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजीव ठाकुर ने कहा, ‘सांस लेने में तकलीफ, निचले अंगों में कमजोरी, दस्त जैसी समस्याओं से पीड़ित मरीज को 18 जनवरी को (सोलापुर में) एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उसे कई बार वेंटिलेटर पर रखा गया. रविवार को उसकी मौत हो गई.’
अफसर ने बताया कि उसकी मौत के बाद इस मामले को मेडिल एग्जामिनेशन के लिए सोलापुर गवर्नमेंट हॉस्पिटल भेजा गया. अफसर ने कहा, ‘प्राथमिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि वह जीबीएस से संक्रमित था.' डॉ. ठाकुर ने कहा कि उन्होंने मौत की सही वजह का पता लगाने के लिए डेड बॉडी का ‘क्लीनिकल पोस्टमार्टम’ भी किया. उन्होंने कहा कि प्राथमिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि मौत जीबीएस के कारण हुई थी.
उन्होंने बताया कि मृतक के ब्लड के नमूने आगे की जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजे गए हैं. इससे पहले, स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसर ने कहा, ‘पुणे में जीबीएस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर रविवार को 101 हो गई. संक्रमित लोगों में 68 पुरुष और 33 महिलाएं शामिल हैं. इनमें से 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. सोलापुर में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है जिसके संक्रमित होने का संदेह था.’
जीबीएस एक दुर्लभ संक्रमण है, जिसमें शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है. इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं. चिकित्सकों ने बताया कि आम तौर पर जीवाणु और वायरल संक्रमण GBS का कारण बनते हैं, क्योंकि वे रोगियों की डिफेंस सिस्टम को कमजोर करते हैं.
हेल्थ मिनिस्टर प्रकाश आबिटकर पुणे में हैं और वह सिंहगढ़ रोड पर नांदेड़ गांव में उस कुएं का निरीक्षण करने जाएंगे, जहां से आस-पास के गांवों को पानी की आपूर्ति की जाती है. आबिटकर मरीजों की हालत जानने के लिए ससून जनरल हॉस्पिटल समेत पुणे के कुछ अस्पतालों का भी दौरा करेंगे. स्थानीय नगर निकाय के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई एक्सपर्ट चिकित्सकों की एक टीम भी पुणे आई है.
25 हजार से ज्यादा घरों का किया गया सर्वे
इस बीच, रेपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) और पुणे नगर निगम के हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसर प्रभावित सिंहगढ़ रोड के इलाकों में संक्रमण के मामलों पर नजर रखे हुए हैं. अधिकारी ने बताया कि अब तक कुल 25,578 घरों का सर्वेक्षण किया गया है, जिनमें पुणे नगर निगम सीमा में आने वाले 15,761 घर, चिंचवड नगर निगम सीमा में आने वाले 3,719 घर और जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले 6,098 घर शामिल हैं. ( भाषा इनपुट के साथ )