UPSC Topper List 2022 From UP: वैष्णवी पॉल को तीन बार निराशा हाथ लगी थी, वैष्णवी पॉल ने चौथी बार में सफलता हासिल की है. वैष्णवी पॉल ने गोंडा में ही रह करके अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की है. इसके बाद दिल्ली आगे की पढ़ाई के लिए गई थीं.
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UPSC Topper From UP (अतुल कुमार यादव): गोंडा की बेटी वैष्णवी पॉल ने यूपीएससी परीक्षा-2022 में ऑल इंडिया 62वां स्थान हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है. वैष्णवी के पिता आदित्य पॉल गोंडा में व्यापार सभा के नेता हैं. बेटी की सफलता की खबर मिलने पर आदित्य पॉल के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और जश्न का माहौल है.
चौथे प्रयास में हासिल की सफलता
वैष्णवी पॉल को तीन बार निराशा हाथ लगी थी, वैष्णवी पॉल ने चौथी बार में सफलता हासिल की है. वैष्णवी पॉल ने गोंडा में ही रह करके अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की है. इसके बाद दिल्ली आगे की पढ़ाई के लिए गई थीं. वहां पढ़ाई करने के बाद आईएएस की तैयारी कर रही थीं. आज घोषित हुए आईएएस परीक्षा के परिणाम में बाजी मारते हुए अपने माता-पिता और जिले सहित पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है.
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'जो सोचा था वो करने का मौका मिलेगा'
वैष्णवी पॉल ने बताया कि मेरा आईएएस 2022 की परीक्षा में ऑल इंडिया 62 वां स्थान आया है. मुझे बहुत अच्छा लग रहा और मैं बहुत खुश हूं, जो भविष्य में करने का सोचा था. वह करने का मौका मिला है. मुझे तीन बार निराशा हाथ लगी थी लेकिन चौथी बार में मुझे सफलता हाथ लगी है.
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बचपन में मेरे पिता ने मुझे न्यूज़पेपर पढ़ने की आदत डाली थी लेकिन जब आप न्यूज़ पेपर पढ़ते हैं तो सबसे ज्यादा आपको लोकल न्यूज़ में दिखता है कि किस तरीके से डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने इस तरीके से काम किया. मेन मोटिवेशन मेरा वहां से आया. मैंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई फातिमा स्कूल गोंडा से की है. ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया है. अभी जेएनयू से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हूं.
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इन चीजों पर करना चाहती हैं काम
पोस्टिंग और ट्रेनिंग लेकर वैष्णवी ने बताया कि बहुत सी दिक्कतें हैं, वह डिपेंड करेगा कि कहां पोस्टिंग होती है औऱ ट्रेनिंग कैसे होती है लेकिन अभी तक एक नागरिक होने के कारण मेरी आंखों में सबसे बड़ी दिक्कत है वो है बेसिक शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम करना विशेष रुप से महिला शिक्षा और महिला स्वास्थ्य पर काम करना.
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ऐसे हासिल की सफलता
उन्होंने बताया आईएएस परीक्षा की तैयारी के लिए 1 साल दिल्ली में थी. बहुत सारी कोचिंग इंस्टिट्यूट से हेल्प मिलती है. आप टेस्ट देते हैं, मैटेरियल यूज़ करते हैं बहुत सारा योगदान है, लेकिन ओवर ऑल खुद पढ़ाई करनी होती है, लेकिन मेरी जर्नी में खुद तैयारी रही है. उसके बाद कोरोना आ गया तो 2 साल से हम घर पर ही हैं और मास्टर करने के लिए फिर से हम अभी दिल्ली में हैं.
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