1 जुलाई को सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया. ऐसे में लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक से दूर रहने के लिए सोनभद्र में 'मेरा प्लास्टिक मेरी जिम्मेदारी' कार्यक्रम शुरू किया गया है. इस मुहिम के तीन चरण हैं. पहले चरण में लोगों के घरों में बोरी टांग दी जाती है. दूसरे चरण में लोगों को बोरी में ही प्लास्टिक डालने के लिए प्रेरित किया जाता है. तीसरे चरण में घर-घर जाकर प्लास्टिक एकत्र कर उसको निस्तारण के लिए भेजा जाता है.
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अंशुमान पांडे/सोनभद्र : सोनभद्र जनपद में इन दिनों सिंगल यूज प्लास्टिक से निजात पाने के लिए एक ख़ास मुहिम शुरू की गई है. मुहिम को 'मेरा प्लास्टिक मेरी जिम्मेदारी' नाम दिया गया है. इस मुहिम में जनपद के लगभग 3 लाख घरों में बोरियां टांगी गई हैं. जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह की ये पहल लोगों को खूब पसंद आ रही है. अभियान के शुरुआती दिनों में ही 4900 किलो प्लास्टिक एकत्रित किया जा चुका है. बुधवार को जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह, अतिरिक्त सचिव भारत सरकार संतोष कुमार यादव ,पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह की मौजूदगी में वाहनों में भरकर सिंगल यूज प्लास्टिक रिसाइकिलिंग के लिए अल्ट्राकेट सीमेंट को सौंपे गए.
मुहिम के तीन चरण
मेरा प्लास्टिक मेरी जिम्मेदारी कार्यक्रम के तीन चरण हैं. पहले चरण में लोगों के घरों पर बोरी टांग दी जाती है. दूसरे चरण में लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझाते हुए उन्हें उसी बोरी में प्लास्टिक डालने के लिए प्रेरित किया जाता है. तीसरे चरण में 20 से 25 तारीख तक घर-घर जाकर प्लास्टिक को एकत्र कर एक जगह इकट्ठा किया जाएगा. 1 जुलाई को सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic) पर प्रतिबंध के बाद यह मुहिम तेजी से लोकप्रिय हो रही है.
मोदी सरकार ने की तारीफ
'मेरा प्लास्टिक मेरी जिम्मेदारी' अभियान केंद्र सरकार को भी पसंद आया है. इस कार्यक्रम के तरीकों को भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने भी सराहा है. भारत सरकार के पेयजल और स्वच्छता विभाग ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के इस कार्यक्रम को अपने पेज पर स्थान दिया है.
पंचायत और विकासखंड स्तर तक पहुंची मुहिम
ख़ास बात यह है कि प्लास्टिक एकत्र करने का यह प्रयास ग्राम पंचायत और विकास खंड स्तर पर पहुंच चुका है. प्रारंभिक स्तर पर ही विकास खंड बभनी से 235 किलो, विकास खंड चतरा से 417 किलो, विकास खंड चोपन से 235 किलो, विकास खंड दुद्धी 325 किलो, विकास खंड घोरावल 840 किलो, विकासखंड करमा 830 किलो, विकास खंड कोन से 222 किलो, विकास खंड म्योरपुर से 866 किलो, विकास खंड नगवा से 408 किलो एवं विकास खंड राबर्ट्सगंज से 522 किलो प्लास्टिक सफाई कर्मियों एवं गांव के लोगों के द्वारा इकट्ठा किया गया है.
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