UP News: स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस मिलने में आवेदक की परेशानी कम होने वाली है. अगर आवेदक अपने पते पर मौजूद नहीं भी होंगे तो किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. आवेदक को आरटीओ या एआरटीओ कार्यालय से ही ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाएगा. जानिए पूरी डिटेल
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UP News: अब आवेदकों को स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस मिलने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली है. अगर आवेदक अपने पते पर ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए मौजूद नहीं होगा तो भी कोई परेशानी नहीं होगी. संबंधित जिले के आरटीओ या एआरटीओ कार्यालय में डाकिया संबंधित व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस पहुंचा देगा. फिर वहीं से आवेदक को अपना ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाएगा. उसे स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस के लिए लखनऊ के परिवहन आयुक्त मुख्यालय के चक्कर नहीं कांटने होंगे. इससे उनके पैसे और समय दोनों बचेंगे.
समय और पैसे दोनों की बचत
आवेदकों की समस्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. अब यह व्यवस्था की जा रही है कि अगर कोई ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक अपने पते पर नहीं मिलता है तो उसका लाइसेंस पोस्ट ऑफिस की ओर से वापस परिवहन आयुक्त कार्यालय को नहीं भेजा जाएगा और संबंधित जिले के परिवहन कार्यालय में जमा करवाया जाएगा. ताकि आवेदक को आसानी से उनका ड्राइविंग लाइसेंस मिल पाएगा. इससे पहले 2019 से पहले यूपी के आरटीओ कार्यालय से स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस जारी होते थे. बाद में परिवहन विभाग ने केंद्रीयकृत व्यवस्था लागू की.
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पहले ऐसी थी व्यवस्था
फिर, परिवहन आयुक्त कार्यालय से ही पूरे यूपी के स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस जारी होने लगे. यहीं से प्रदेश के सभी परिवहन कार्यालयों को पोस्ट ऑफिस से भेजे जाने लगे, लेकिन इस व्यवस्था में समस्याएं आने लगी थी. पहले जब डाकिया डाक लेकर घर पहुंचता था तो आवेदक घर पर मिलते नहीं थे तो ताला पड़ा होता था. ऐसे में सभी जिलों से यह ड्राइविंग लाइसेंस परिवहन आयुक्त मुख्यालय पर लौट जाते थे. जिसके लिए आवेदक कई जिलों से परिवहन आयुक्त मुख्यालय पहुंचते थे. परिवहन आयुक्त मुख्यालय पर हर रोज बड़ी संख्या में परेशान आवेदकों की भीड़ जमा होती थी. तय समय पर लाइसेंस न मिलने की शिकायत दर्ज कराते थे. अब आवेदकों को इस तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. ऐसे में उन्हें परिवहन विभाग बड़ी राहत देने वाला है.
लाइसेंस के लिए तारीख तय
परिवहन विभाग के अधिकारी की मानें तो हर महीने 7 और 21 तारीख एआरटीओ के लिए तय थी. इस दिन परिवहन आयुक्त मुख्यालय आकर अपने-अपने जिलों के ड्राइविंग लाइसेंस कलेक्ट कर लें और फिर आवेदकों को सूचित कर दें, लेकिन इसमें भी यह समस्या आ रही थी कि कई बार तय समय पर व्यस्तता की वजह से अधिकारी मुख्यालय नहीं आ पाते थे. ऐसे में आवेदकों की समस्या का समाधान नहीं हो पाता था. अब यह झंझट ही खत्म किया जा रहा है. इससे अब कई जिलों के परिवहन अधिकारियों को परिवहन आयुक्त मुख्यालय आने की जरुरत नहीं पड़ेगी. साथ ही आवेदकों का पैसा और समय भी बर्बाद नहीं होगा और उन्हें काफी सहूलियत मिलेगी.
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