बाराबंकी से बहराइच के बीच रोड फोरलेन बनने वाली है. यह 5500 करोड़ की लागत से 100 किमी लंबी सड़क को कवर करेगा. इस परियोजना में क्या खास है पढ़िए.
Barabanki to Bahraich Four lane: बहराइच सिटी का सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर है. यहां बाराबंकी से नेपाल की सीमा के रुपैईडिहा के बजाए बहराइच सिटी तक फोरलेन रोड बनने वाला है. यह बदलाव केंद्र सरकार ने वाहनों के कम दबाव को देखते हुए किया है.
सर्वे रिपोर्ट में बहराइच से रुपैडिहा के बीच वाहनों के कम संख्या में संचालन का जिक्र किया गया था. ऐसे में नेशनल हाइवे अर्थारिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बाराबंकी से बहराइच के बीच के महज 100KM की रोड को टू लेन से फोरलेन तैयार करने का DPR फाइनल किया है.
इस हाइवे के निर्माण पर करीब 5500 करोड़ का खर्च होने वाला है. NHAI ने 35,10 और 50 किमी के तीन पैच में निर्माण के टेंडर करने का फैसला किया है. 10 किमी का यह भाग गणेशपुर के पास का है.
इस परियोजना में दो आरओबी और पांच बाईपास बनने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक, इसका काम नवंबर तक शुरू होने की उम्मीद है, जिससे प्रमुख कस्बों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.
रिपोर्ट्स की मानें तो पहला आरओबी अयोध्या हाइवे के बाराबंकी नगर के चौपुला से बनेगा और यह शहावपुर के पास तक जाएगा. इस आरओबी में दोनों ओर अयोध्या हाइवे तक यूटर्न के लिए रास्ता देने का प्रावधान किया है.
रिपोर्ट्स की मानें तो दूसरा आरओबी चौकाघाट के पास बनेगा. इसमें गोंडा और बहराइच दोनों को जोड़ने की व्यवस्था DPR में की गई है. NHAI की मानें तो ऐसा करने से दोनों जिले की कनेक्टीविटी मिल सकेगी.
इतना ही नहीं इसे सरयू नदी के संजय सेतु के सामान्तर बनाने की तैयारी है. जिससे यह आरओबी चालू होने से पुराने संजय सेतु को बंद करके उसकी मरम्मत की जाएगी. मुख्य कस्बों के अंदर फोरलेन करने के बदले बाईपास बनाया जाएगा.
रिपोर्ट्स की मानें तो पहला बाईपास रामनगर, दूसरा जरवल रोड और तीसरा कैसरगंज कस्बे के पहले से बनाया जाएगा. दो अन्य बाईपास भी होंगे. केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री गति शक्ति संस्थान से नए DPR को हरी झंडी मिल गई है.
NHAI के मुताबिक, एलाइमेंट तय हो जाने से अब जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई तेजी से करने की तैयारी है. इसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इससे नवंबर तक काम शुरू होने की उम्मीद है.
रिपोर्ट्स की मानें तो बहराइच को फोरलेन करने से बाराबंकी की सीमा में करीब 36 हेक्टेअर वन आरक्षित जमीन हाइवे में जाएगी. प्रशासन ने डीएफओ को इसके बदले रामसनेहीघाट के कमियार में 40 हेक्टेअर जमीन वन विभाग को देने की बात कही है.