CEC Gyanesh Kumar Gupta Family: ज्ञानेश कुमार गुप्ता नए मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए हैं. उनका परिवार डॉक्टरों से भरा हुआ है. वहीं, ज्ञानेश कुमार गुप्ता ने प्रशासनिक सेवा में जाने का फैसला किया. ऐसे में आइए जानते हैं उनकी बेटी और दामाद के बारे में.
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CEC Gyanesh Kumar Gupta Family: आगरा से ताल्लुक रखने वाले ज्ञानेश कुमार गुप्ता देश के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए हैं. नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गुप्ता का परिवार डॉक्टरों से भरा हुआ है. वह सहकारिता सचिव के पद से रिटायर हुए हैं. इस सीनियर आईएएस अधिकारी के कामों की खूब सराहना हुई. उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने का फैसला लिया. अब उनके परिवार में प्रशासनिक अधिकारियों की भरमार है. उनकी काबिलियत को देखते हुए केंद्र सरकार ने अहम जिम्मेदारी दी है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले से लेकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कमेटी के सदस्य के तौर गृह मंत्रालय में सचिव के पद पर काम करते हुए अहम भूमिका निभाई.
कौन हैं ज्ञानेश कुमार गुप्ता?
जानकारी के मुताबिक, ज्ञानेश कुमार गुप्ता 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें केरल कैडर मिला था. जल्द ही वो अपने कामों के लिए फेमस हो गए. फिर वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आए. उन्होंने गृह विभाग और सहकारिता विभाग में अहम योगदान दिया. ज्ञानेश कुमार गुप्ता के पिता डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता और मां सत्यवती गुप्ता विजय नगर कॉलोनी के निवासी हैं. पिता चीफ मेडिकल ऑफिसर के पद से रिटायर हो चुके हैं. पिता के सरकारी नौकरी में होने की वजह से ट्रांसफर होता रहा. इसकी वजह से ज्ञानेश कुमार की शिक्षा गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर से हुई.
कहां से हुई पढ़ाई?
ज्ञानेश कुमार ने लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से 12वीं की थी. यहां वह टॉपर रहे थे. वाराणसी के क्वींस कॉलेज से पढ़ाई के दौरान ज्ञानेश कुमार गुप्ता हमेशा अव्वल रहे. 12वीं के बाद परिवार के डॉक्टरी पेशे से इतर उन्होंने इंजीनियरिंग करने का फैसला किया. आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की. फिर दिल्ली में रहकर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की. इस दौरान उन्होंने करीब एक साल तक हुडको में भी काम किया. 1988 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की और केरल कैडर के आईएसएस अधिकारी बने. पहली नियुक्ति उन्हें तिरुवनंतपुरम में बतौर डीएम मिली. उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन किया.
रक्षा मंत्रालय में अहम जिम्मेदारी
रिपोर्ट्स की मानें तो मनमोहन सरकार में 2007 से 2012 तक उन्हें रक्षा मंत्रालय में संयुक्त रक्षा सचिव की जिम्मेदारी मिली थी. 2014 में उन्हें केरल सरकार के दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर नियुक्त किया गया. आईएसआईएस की हिंसक गतिविधियों के बीच उन्होंने 183 भारतीयों को इराक से निकालने में अहम भूमिका निभाई थी. इनमें इरबिल में फंसी 46 मलयाली नर्स भी शामिल थीं. विजय नगर कॉलोनी में उनके परिवार के 28 सदस्य डॉक्टर हैं. उनकी मां सत्यवती अब भी योग सिखाती हैं.
नए CEC की फैमिली
रिपोर्ट्स की मानें ज्ञानेश कुमार की बड़ी बेटी मेधा रूपम आईएएस अधिकारी हैं. अभी वह कासगंज की डीएम हैं. उनके पति मनीष बंसल भी आईएएस हैं. वह सहारनपुर डीएम के पद पर तैनात हैं. दोनों 2014 बैच के आईएएस हैं. ज्ञानेश कुमार गुप्ता की दूसरी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं. उनके पति अक्षय लाबरू आईएएस हैं. उनके बेटे अरनव अभी पढ़ाई कर रहे हैं. ज्ञानेश के भाई मनीष कुमार आईआरएस ऑफिसर हैं. वहीं, बहन रोली इंदौर में विद्यालय चलाती हैं. बहन के पति उपेंद्र जैन आईपीएस हैं. जनवरी 2024 में ज्ञानेश सहकारिता मंत्रालय में सचिव के पद से रिटायर हुए थे.
आगरा में जन्म, केरल में पढ़ाई
मेधा रूपम 2014 कैडर की IAS अधिकारी हैं. यूं तो उनका जन्म आगरा में हुआ, लेकिन पिता की तैनाती के कारण उनकी प्रारंभिक पढ़ाई केरल में हुई. उन्होंने 8वीं तक की पढ़ाई नेवल पब्लिक स्कूल, एर्नाकुलम से की. फिर तिरुवनंतपुरम के सेंट थॉमस स्कूल से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की. 2008 में मेधा रूपम ने 12वीं की पढ़ाई के दौरान शूटिंग सीखना शुरू किया. उनकी आगे की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हुई, जहां से उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया. मेधा रूपम 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने लगीं. उन्होंने धीरे-धीरे शूटिंग प्लेयर के रूप में अपनी पहचान बना ली.
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