About Sex Education : बच्चों को अगर बचपन से ही सेक्स एजुकेशन दिया जाए तो युवा अवस्था में वो खुद को सिक्योर कर पाएंगे और सेक्सुअल हेल्थ लेकर अवेयर भी रहेंगे. कभी भी गलत तरह के फैसले लेने से बचते रहेंगे.
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About Sex Education : अपने बच्चे को आप हर तरह की शिक्षा देना चाहते हैं लेकिन भारत जैसे देश में सेक्स एजुकेशन आज भी एक बहुत बड़ा टैबू है. हालांकि सेक्स जीवन का एक बहुत ही संवेदनशील और महत्वपूर्ण भाग है. इस बारे में बच्चों को सही उम्र में एजुकेट करना जरूरी है ताकि वे इससे जुड़ी हेल्थ वाली परेशानियों को जान पाएं. ताकि बच्चे जब युवा अवस्था में पहुंचे तो इस टॉपिक को लेकर उनके मन में हिचक न हो, वो इससे जुड़ी परेशानियों को दूर कर पाने में सक्षम हों. चलिए जानते हैं कि कब अपने बच्चे को सेक्स एजुकेशन देने की शुरुआत करनी चाहिए.
उम्र क्या होनी चाहिए
कम उम्र से ही बच्चों के शरीर में हो रहे बदलाव और गोपनीयता को लेकर खुलकर बात करना शुरू करें और उनके दिमाग में कोई उनझन न हो इसके लिए सरल, सहज और सटीक भाषा में ही बात करें.
माहौल ठीक रखें
बच्चों को सेक्स संबंधी बातें बताने को लेकर माहौल खुला खुला रखें. उनके पूछे गए प्रश्नों और संवेदनशील विषयों पर खुलकर उनसे बात करें. उन्हें सहज करें ताकि वे सेक्स एजुकेशन को लेकर शर्मिंदगी महसूस न करें.
जानकारी उनके उम्र के हिसाब से दें
बच्चा जेसे जैसे बड़ा हो यौवन, प्रजनन और यौन स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उसी हिसाब से दें. उनकी उम्र और समझ को परखें और फिर उस हिसाब से उतनी ही जानकारी दें.
फैक्ट्स पर बात करें
सेक्स और कामुकता को लेकर फिल्मी बातों की जगह तथ्यात्मक सटीक जानकारी ही बच्चों को दें. भ्रामक जानकारी उनको उलझन में डाल सकती हैं. उनके प्रश्नों को न टालें और गलत उत्तर भी न दें. विश्वसनीय संसाधनों से प्रश्नों के उत्तर तलाशें उन्हें भी बताएं.
सीमाओं के बारे में बात करें
व्यक्तिगत मूल्यों के बारे में बताएं, सीमाओं और स्वस्थ संबंधों को लेकर बच्चों से बात करें. बच्चे को बताएं कि सहमति, सम्मान कितना महत्वपूर्ण है.
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