Ram Darbar Puja Vidhi: 22 जनवरी को इस विधि से घर पर करें प्रभु राम की पूजा, ऐसा संयोग फिर कभी नहीं बनेगा
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Ram Darbar Puja Vidhi: 22 जनवरी को इस विधि से घर पर करें प्रभु राम की पूजा, ऐसा संयोग फिर कभी नहीं बनेगा

22 January 2024 Shri Ram puja Vidhi: श्रीराम लला के प्राण- प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 22 जनवरी 2024 को अयोध्या जाना सभी के लिए संभव नहीं होगा. ऐसे में आप यहां दी गई विधि के अनुसार पूजा कर घर पर ही अयोध्या जाने के बराबर फल अर्जित कर सकते हैं.... 

 

22 January 2024 Shri Ram puja Vidhi

Ram puja Vidhi: सनातन धर्म को मानने वालों के लिए 22 जनवरी 2024 का दिन खास होने जा रहा है. कई दशकों के इंतजार के बाद अयोध्या राम जन्मभूमि पर रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है. 22 जनवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के गर्भगृह में श्रीराम की बाल स्वरूप मूर्ति की प्राण- प्रतिष्ठा करेंगे. इस दिन देश का हर व्यक्ति अयोध्या जाना चाहता है और वहां होने वाले इस भव्य अनुष्ठान का फल लेना चाहता है, लेकिन यह संभव नहीं है कि सभी लोग वहां भगवान श्रीराम की पूजा कर पाएं. ऐसे में हम आपको आगे घर पर श्री राम की पूजा विधि की जानकारी दे रहे हैं. इस पूजा विधि से आप घर पर ही अयोध्या जाने जितना फल प्राप्त कर सकते हैं.  

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श्रीराम पूजा विधि (shri Ram Puja Method)
22 जनवरी को सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान करें. इसके बाद एक चौकी पर पीला वस्‍त्र बिछाकर प्रभु श्रीराम की तस्‍वीर स्‍थापित करें. इस तस्‍वीर को ऐसे रखें की पूजा के दौरान आपका मुख पूर्व दिशा में रहे. पंचामृत से प्रभु का अभिषेक करें. उन्‍हें धूप, दीप, पुष्‍प, रोली, चंदन, अक्षत, वस्‍त्र, कलावा, भोग आदि अर्पित करें. प्रभु श्रीराम के साथ हनुमान जी की भी पूजा करें. इसके बाद रामचरितमानस, श्रीराम रक्षा स्‍तोत्र, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, राम जी के मंत्रों का जाप आदि करें. प्रेमपूर्वक आरती करें और शाम के समय राम जी के भजन आदि करें. इससे आपके घर की नकारात्‍मकता दूर होगी. प्रभु की कृपा से बिगड़े काम भी बनने शुरू हो जाएंगे.

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22 जनवरी 2024, सोमवार को पौष मास के शुक्‍ल पक्ष की कूर्म द्वादशी है. कुर्म द्वादशी व्रत भगवान विष्‍णु को समर्पित है. विष्णु पुराण के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने कूर्म यानि कछुआ अवतार लिया था और समुद्र मंथन में सहायता की थी. कुर्म द्वादशी के दिन राम मंदिर में प्राण प्रतिष्‍ठा करना मंदिर को सदियों तक स्‍थायित्‍व देगा. रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा के लिए पूजन आदि कार्यक्रम 17 जनवरी 2024 से ही शुरू हो जाएंगे. इस दिन शिव योग रहेगा. इसके बाद क्रमश: सिद्ध, साध्‍य, शुभ, शुक्‍ल और ब्रह्म योग जैसे 6 शुभ योग बनेंगे. 22 जनवरी को ब्रह्म योग सूर्योदय से ही रहेगा, 8 बजकर 46 मिनट पर ब्रह्म योग समाप्‍त होने के बाद ऐंद्र योग रहेगा. वहीं भक्‍तों के लिए दर्शन अगले दिन मंगलवार को भौम प्रदोष से मिलेंगे. मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष कहते हैं. इस तरह प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम में बन रहे ये योग ब्रह्मा, शिव जी, विष्‍णु जी और हनुमान जी का आशीर्वाद दिलाएंगे. 

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