Bhai Dooj 2023: हर साल कार्तिक मास में दिवाली के 2 दिन बाद भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भाई-बहनों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
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Bhai Dooj 2023: दिवाली (Diwali 2023) के दो दिन बाद भाई दूज (Bhai Dooj 2023) का त्योहार पड़ता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है. इसे यम द्वितीया (Yam Dwitiya 2022) के नाम से भी जाना जाता है. इस बार भाई दूज का त्योहार 15 नवंबर को मनाया जाएगा. यह त्योहार भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक कर उनकी लंबी उम्र, उन्नति और बेहतर भविष्य की कामना करती हैं.
भाई दूज की सही तारीख (When is Bhai Dooj in 2023?)
भाई दूज का पर्व 15 नंवबर, 2023 बुधवार के दिन मनाया जाएगा. पंचांग के मुताबिक, कार्तिक मास की द्वितीया तिथि 14 नंवबर दोपहर 2.36 मिनट से शुरू हो जाएगी. जिसका समापन 15 नंवबर को 1.47 मिनट पर होगा. आप दोनों ही दिन भाई दूज का पर्व मना सकते हैं. 14 नंवबर को दोपहर के बाद से आप टीका कर सकते हैं, लेकिन उदया तिथि के हिसाब से 15 तिथि को यह पर्व मनाना सही रहेगा.
भूलकर भी भाई-बहन ना करें ये काम
1. कई बार बहनें अपने भाई के घर तिलक करने जाती हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. भाई दूज के दिन भाई को अपनी बहनों के घर जाकर तिलक करवाना चाहिए.
2. किसी भी समय तिलक न करें. हमेशा शुभ मुहूर्त में ही बहन अपने भाई को तिलक लगाएं.
3. तिलक करते समय भाई-बहन को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
4. भाई को तिलक करने तक बहनों को निर्जल ही रहना चाहिए.
5. भाई का तिलक कर उसे मीठा खिलाना न भूलें. ऐसा करने से दोनों के बीच प्रेम बना रहेगा.
6. इस दिन भाई को अपने घर पर खाना नहीं खाना चाहिए, बल्कि बहन के घर पर उनके हाथ का बना खाना खाना चाहिए.
7. भाई-बहन एक-दूसरे से झगड़ा न करें. एक-दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करें.
8. भाई दूज के दिन भाई-बहन को एक-दूसरे से झूठ नहीं बोलना चाहिए. ऐसा करने से आपको यमराज के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है.
9. इस दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से यम के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है.
10. तिलक के बाद बहन को उपहार या नेग देना ना भूलें. भाई को हमेशा बहनों को कुछ न कुछ उपहार देना चाहिए.
तिलक लगाते समय इस मंत्र का करें जाप
"गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले फलें!"
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