Meerut News: वाह रे प्रिंसिपल साहब, न हिन्दी दिवस की तारीख बता पाए न कविता सुना सके... हाईकोर्ट ने चलाया हंटर
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2644513

Meerut News: वाह रे प्रिंसिपल साहब, न हिन्दी दिवस की तारीख बता पाए न कविता सुना सके... हाईकोर्ट ने चलाया हंटर

Meerut News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में एक कार्यवाहक प्रिंसिपल और प्रबंधक को तलब किया है. हितकारी किसान इंटर कॉलेज सकौती टांडा की प्रबंध समिति का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है. जिसमें न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने प्रिंसिपल से पहले कविता सुनाने के लिए और नहीं सुनाने पर क्लास लगा दी. पढ़िए पूरी डिटेल

Meerut News

Meerut News: हाईकोर्ट ने एक प्रिंसिपल पर अपना हंटर चलाया है. दरअसल, हितकारी किसान इंटर कॉलेज सकौती टांडा की प्रबंध समिति के हाई कोर्ट में एक मामले में कार्यवाहक प्रिंसिपल और प्रबंधक को तलब किया गया है. जानकारी के मुताबिक, न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने प्रिंसिपल से पहले कविता सुनाने के लिए कहा, तो वह कविता नहीं सुना पाए. फिर, उन्होंने हिंदी दिवस की तारीख पूछ दी तो वह भी प्रिंसिपल बता नहीं पाए. जिसके बाद कोर्ट ने उनकी योग्यता पर ही सवाल उठा दिए. कोर्ट में झूठा शपथ पत्र देने पर दोनों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा है. 

क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, हितकारी किसान इंटर कॉलेज के प्रवक्ता संजय कुमार और नवीन कुमार को जिला विद्यालय निरीक्षक ने कांवड़ की ड्यूटी नहीं करने के आरोप में सस्पेंड किया था. बाद में दोनों ने विद्यालय की प्रबंध समिति और जिला विद्यालय निरीक्षक को अपना जवाब दाखिल किया था. फिर उन्हें जिला विद्यालय निरीक्षक ने बहाल कर दिया था. जिला विद्यालय निरीक्षक के आदेश के खिलाफ कार्यवाहक प्रिंसिपल अनिल कुमार त्रिपाठी और प्रबंधक राजकुमार ने हाई कोर्ट का रुख किया था और याचिका दायर की थी. इतना ही नहीं हाई कोर्ट में प्रिंसिपल और प्रबंधक ने शपथपत्र भी दिया था.

कोर्ट का सख्त आदेश
उनका दावा था कि उन्होंने शपथ पत्र पर प्रयागराज पहुंचकर साइन किए हैं, लेकिन यह शपथ पत्र झूठा पाया गया है. जिस दिन हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल हुआ, उस दिन प्रिंसिपल और प्रबंधक प्रयागराज गए ही नहीं. इसी आरोप में हाईकोर्ट ने दोनों को तलब किया है. मंगलवार को कार्यवाहक प्रिंसिपल कोर्ट में तलब हुए तो न्यायमूर्ति ने उनसे पहले कोई भी एक कविता सुनाने के लिए कहा, फिर हिंदी दिवस की तारीख भी पूछ दी. इसके बाद अदालत ने प्रिंसिपल की योग्यता पर सवाल उठा दिए. हालांकि, प्रिंसिपल ने कोर्ट में माफी मांग ली तो उन्हें कोर्ट ने जाने दिया. साथ ही कोर्ट ने 10 दिन के अंदर 10 हजार रुपये का जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है. अगर जुर्माना समय पर जमा नहीं किया जाता है तो प्रबंध समिति के ओथ कमिश्नर आगे की कार्रवाई करेंगे. इसके निर्देश भी कोर्ट से मिले हैं. 

यह भी पढ़ें: UP Naib Tehsildar Promotion: यूपी में नायब तहसीलदारों को मिलेगा प्रमोशन, नौ साल बाद कोर्ट से मिली गुड न्यूज

Trending news