UP News: उत्तर प्रदेश में अब शराब या बीयर ही नहीं बल्कि बीड़ी सिगरेट और गुटखा, जैसे तंबाकू उत्पाद बेचने के लिए लाइसेंस की जरूरत होगी. लाइसेंस के बगैर अगर कोई ये पदार्थ बेचते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर पांच हजार तक जुर्माना और FIR भी होगी. लाइसेंस बनवाने के लिए सरकार ने नियम भी भी जारी कर दिये हैं.
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UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. सरकार ने नया गजट जारी कर नगर निगम क्षेत्रों में इन उत्पादों की बिक्री के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है. यह नियम जुलाई के पहले सप्ताह से लागू किया जाएगा. बिना लाइसेंस तंबाकू उत्पाद बेचने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
बिना लाइसेंस तंबाकू बेचना अपराध
नगर निगम के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव के अनुसार, अब बिना लाइसेंस तंबाकू उत्पाद बेचना अपराध माना जाएगा. खान-पान से जुड़ी दुकानों या अन्य खाद्य सामग्री बेचने वाले व्यापारी बिना लाइसेंस के तंबाकू और सिगरेट नहीं बेच सकेंगे. केवल अधिकृत दुकानदार ही यह उत्पाद बेचने के हकदार होंगे.
पहली बार पकड़े जाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना
अगर कोई व्यापारी बिना लाइसेंस के तंबाकू उत्पाद बेचता पाया गया, तो पहली बार पकड़े जाने पर 2,000 रुपये जुर्माना और सामान जब्त कर लिया जाएगा. दूसरी बार पकड़े जाने पर यह जुर्माना 5,000 रुपये होगा. वहीं, अगर तीसरी बार कोई नियम तोड़ता है, तो 5,000 रुपये जुर्माने के साथ उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी.
प्रदेश के 16 नगर निगमों में लागू होगा नियम
यह सख्त नियम प्रदेश के 16 नगर निगमों—लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, वृंदावन-मथुरा, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली और शाहजहांपुर में लागू किया जाएगा.
कैसे मिलेगा लाइसेंस ?
तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए लाइसेंस लेने के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं:
- आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए और उसकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए.
- आधार कार्ड अनिवार्य होगा, और अगर वह किसी अन्य जिले का होगा, तो उसे स्थानीय पार्षद से सत्यापित कराना होगा,.
- शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में स्थित दुकानों को लाइसेंस नहीं मिलेगा.
- अस्थायी दुकानदारों को भी स्ट्रीट वेंडर नीति के तहत लाइसेंस दिया जाएगा.
- पंजीकरण हर साल नवीनीकरण कराना अनिवार्य होगा.
लाइसेंस शुल्क और अन्य नियम
अस्थायी दुकानों के लिए पंजीकरण शुल्क 200 रुपये, स्थायी दुकानों के लिए 1,000 रुपये तय किया गया है.
- थोक बिक्री के लिए 5,000 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है.
- खुले में सिगरेट बेचना प्रतिबंधित होगा, पकड़े जाने पर जुर्माना लगेगा.
- एक लाइसेंस सिर्फ एक दुकान के लिए मान्य होगा और उसे किसी और को ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा.
प्रशासन सख्ती से करेगा पालन
अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे ने इस संबंध में आदेश जारी कर सभी नगर निगमों को निर्देश दिया है कि वे 31 जुलाई तक इस उपविधि को लागू करें. प्रशासन इस नए नियम के तहत तंबाकू की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
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