PMGSY: उत्तर प्रदेश में शहरी और ग्रामीण इलाकों को एक साथ जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है. इसके साथ ही अब इलाके के सांसद और विधायक ही सड़क का उद्घाटन करेंगे. पढ़िए पूरी खबर ...
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UP News: उत्तर प्रदेश में शहरी और ग्रामीण इलाकों को एक साथ जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत निर्माण होने वाली सड़कों का शिलान्यास और उद्घाटन अब संबंधित सांसद या विधायक द्वारा ही किया जाएगा. इस संबंध में शासन ने उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण (यूपीआरआरडीए) को निर्देश दिए हैं कि PMGSY के तहत बनने वाली सड़कों का शिलान्यास और उद्घाटन उसी क्षेत्र के सांसद से कराया जाए.
सांसद नहीं तो विधायक
यदि सांसद किसी कारणवश उपलब्ध नहीं हैं. तो संबंधित क्षेत्र के विधायक से यह कार्य कराया जा सकता है. ग्राम्य विकास मंत्रालय के निर्देशों का संदर्भ देते हुए विशेष सचिव राजेंद्र सिंह ने शासनादेश जारी किया है. उन्होंने यह भी कहा कि सड़कों के शिलान्यास और उद्घाटन के अवसर पर होने वाले कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य सरकार के मंत्री को करनी चाहिए.
और कौन कर सकेगा मेजबानी
वहीं अगर मेजबानी के लिए मंत्री उपस्थित नहीं होते हैं. तो समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ विधायक से कराई जा सकती है. इसके अलावा प्रोटोकाल के अनुसार निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों को विधिवत आमंत्रित किया जाना चाहिए. समारोह में विधायकों के साथ-साथ अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करना जरूरी है.
10 हजार कर सकेंगे खर्च
यूपीआरआरडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को यह निर्देश दिए गए हैं कि समारोह के आयोजन पर अधिकतम 10,000 रुपये खर्च किए जा सकते हैं. इसके अलावा यह भी स्पष्ट किया गया है कि शिलान्यास के लिए तीन फीट लंबा और दो फीट चौड़ा शिलापट ही उपयोग किया जाए. शिलापट पर समारोह की अध्यक्षता करने वाले जनप्रतिनिधि का नाम मुख्य स्थान पर और विधायकों का नाम बायीं ओर तथा विधान परिषद के सदस्यों का नाम दायीं ओर अंकित किया जाए.
एफडीआर तकनीक से होगा निर्माण
सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीण इलाकों में बन रही सभी सड़कों का निर्माण एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) तकनीक पर आधारित हो. यह तकनीक न केवल सड़कों (PMGSY) की गुणवत्ता को बेहतर बनाती है. बल्कि निर्माण लागत में भी बचत करती है. प्रदेश में अब तक एफडीआर तकनीक से सड़कों के निर्माण में लगभग 2,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है. ठेकेदारों को इस तकनीक से सड़कों का निर्माण करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है.
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