गणतंत्र दिवस पर छा गई यूपी की झांकी, महाकुंभ की थीम ने रिपब्लिक डे परेड पर सबका दिल जीता
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2620680

गणतंत्र दिवस पर छा गई यूपी की झांकी, महाकुंभ की थीम ने रिपब्लिक डे परेड पर सबका दिल जीता

Mahakumbh 2025: गणतंत्र दिवस परेड पर महाकुंभ की झांकी लोगों की पहली पसंद बनी है झांकी में समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों समेत अखाड़ो के जुलूस को भी दर्शाया गया था.

गणतंत्र दिवस परेड में दिखी महाकुंभ की झांकी

Mahakumbh 2025: गणतंत्र दिवस परेड पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर निकली यूपी की झांकी इस बार 'महाकुंभ' पर थी. संपूर्ण विश्व में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित "महाकुम्भ 2025- स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास को प्रदर्शित कर रही थी. यह झांकी प्रयागराज में पवित्र गंगा, अविरल यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर हो रहे महाकुम्भ के दिव्य स्वरूप को दर्शा रही थी, जो पृथ्वी पर मानवता का सबसे बड़ा समागम है.

ध्यात्म, धरोहर, विकास प्रगति का है संगम
2025 का सबसे महत्वपूर्ण आयोजन महाकुंभ अध्यात्म, धरोहर, विकास प्रगति का संगम है.  ट्रैक्टर के आगे 'अमृत कलश' की आगे झुकी हुई भव्य प्रतिकृति दर्शाई गई, जिससे अमृतधारा प्रवाहित हो रही थी. साथ ही शंखनाद, आचमन और साधना करते साधु-संत और संगम में डुबकी लगाते श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ की आध्यात्मिक ऊर्जा को जीवंत किया. योगी सरकार के नेतृत्व में हो रहे अभूतपूर्व आयोजन का दीदार देश-विदेश से आए आगंतुकों ने भी किया.

महाकुंभ के ऐतिहासिकता को किया रेखांकित 
ट्रेलर के पैनल पर अमृत (शाही) स्नान के लिए जाते अखाड़ों-श्रद्धालुओं को म्यूरल एवं एलईडी स्क्रीन के द्वारा दर्शाया गया. ट्रेलर के प्लेटफार्म पर समुद्र मंथन की पौराणिक कथा को चित्रित किया गया, जिसने महाकुंभ के महत्व और इसकी ऐतिहासिकता को रेखांकित किया. पिछले हिस्से में समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों को दर्शाया गया था.

अखाड़ो के जुलूस भी किए प्रसारित
झांकी के माध्यम से 'महाकुम्भ 2025' के आयोजन में अपनाई जा रही टेक्नोलॉजी, प्रबंधन और डिजिटलीकरण को भी दर्शाया गया. इसके लिए हाईटेक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को प्रमुखता से दिखाया गया, जो सुरक्षा और क्राउड मैनेजमेंट का उत्कृष्ट उदाहरण है. इसके साथ ही एलईडी के माध्यम से महाकुम्भ पर्व स्नान को जाते अखाड़ों के जुलूस को प्रसारित किया गया.

और भी पढ़े: बाल्टी जैसा चमचा और टैंक जैसी कड़ाही, महाकुंभ में चल रहा सबसे बड़ा भंडारा, आधी रात भी कोई भूखा नहीं जाता

Trending news