Basant Panchami Amrit Snan: महाकुंभ स्नान पर्व है, जिसमें दुनियाभर से आए लोग त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगाते हैं. शाही स्नान के दिन सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. कुंभ के तीन शाही स्नान अब तक हो चुके हैं. 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का तीसरा अमृत स्नान हुआ. आपको बताते हैं अभी कितने शाही स्नान बाकी हैं।
प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगा है जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं. वैसे तो कुंभ मेले में हर दिन स्नान किया जाता है लेकिन इस दौरान कुछ विशेष दिन ऐसे होते हैं जिस दिन शाही स्नान की परंपरा निभाई जाती है. महाकुंभ में अब तक तीन शाही स्नान हो चुके हैं. इस लेख में जानते हैं कि अगला शाही स्नान कब है.
वहीं बसंत पंचमी हिंदू धर्म का एक पावन पर्व है. इस बार बसंत पंचमी और महाकुंभ के अद्भुत और दुर्लभ संयोग में महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान होगा, जो इस बार बसंत पंचमी को बेहद खास बना रहा है. जानें मौनी अमावस्या के बाद अगला शाही स्नान कब होगा:,
हालांकि बसंत पंचमी का अमृत स्नान 3 फरवरी को होगा. इस दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 23 मिनट से 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में अमृत स्नान करने पर शुभ फल प्राप्त होंगे. महाकुंभ में अमृत स्नान को बहुत ही पवित्र और पुण्यदायी होता है. अमृत स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है.
शाही स्नान में सबसे पहले नागा साधु नहाते हैं. इसके बाद आम श्रद्धालुओं को स्नान की अनुमति दी जाती है. दरअसल, नागा साधुओं को प्राचीन काल में धर्म, संस्कृति के रक्षक के रूप में जाना जाता है. इसलिए इन्हें पहला अधिकार कुंभ में स्नान के लिए दिया जाता है.
अब तक कुंभ के तीन शाही स्नान तिथियां संपन्न हो चुकी हैं. बाकी बची 3 की तारीख आगे आपको आर्टिकल में बताने जा रहे हैं, ताकि इस दिन आप स्नान करके शुभ फल के भागी बन सकें.
3 फरवरी 2025- बसंत पंचमी (शाही स्नान) 12 फरवरी 2025 - माघ पूर्णिमा (पर्व स्नान) 26 फरवरी 2025 - महाशिवरात्रि (पर्व स्नान)
कुंभ में शाही स्नान को बेहद खास माना जाता है.मान्यता है कि इस दिन संगम में डुबकी लगाने से कई गुना ज्यादा पुण्य की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं कहा ये भी जाता है कि इस दिन स्नान करने से न सिर्फ इस जन्म के, बल्कि पिछले जन्म के पाप भी नष्ट हो जाते हैं. इसके साथ ही पितरों की आत्मा को भी शांति प्राप्त होती है.
प्रयागराज में मौजूदा समय पर संगम नोज पर सबसे ज्यादा लोड की खबरें आ रहीं हैं.ऐसे में आप यहां जाने से बचें. संगम के 15 किलोमीटर दायरे में कहीं भी स्नान कर सकते हैं. जिन घाटों पर भीड़ कम हो वहां जाएं और स्नान करें वैसा ही पुण्य मिलेगा.
धक्कामुक्की से बचने के लिए भारी भीड़ का हिस्सा न बनें. कोशिश करके ऐसे स्थानों की ओर जाएं जहां भीड़ कम हो और परेशानी का सामना न करना पड़े. अगर घर में कोई बुजुर्ग बीमार है और बच्चे बेहद छोटे हैं तो कोशिश करके उन्हें संगम स्नान के लिए न ले जाएं. भारी भीड़ में उन्हें काफी परेशानी हो सकती है.
संगम स्नान के बाद कोशिश करके घाट से जल्द से जल्द निकलें ताकि पीछे से आ रहे श्रद्दालुओं को स्नान में कोई समस्या न आएं.अफवाहों पर कतई न ध्यान दें और साथ ही दूसरों से भी अपील करते रहे कि किसी भी तरह की अफवाह पर कोई भी ध्यान न दें ताकि भगदड़ जैसी स्थिति न बनें.अगर महाकुंभ स्नान के लिए जा रहे हैं तो भारी सामान लेकर न चलें.
मौनी अमावस्या पर हुए हादसे में यह सामने आया है कि मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर ही करोड़ों लोग संगम आ गए और रेती पर ही सो गए. इसके बाद सुबह उठते ही स्नान के लिए चलने लगे, इस दौरान भगदड़ मच गई. आप कतई ऐसा न करें. रेती पर सोना खतरे को दावत देने जैसा है. मेला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई तरह की हेल्पलाइन जारी की गई है. आप इसकी जानकारी जरूर रखें ताकि कोई परेशानी होने पर आप तुरंत इन हेल्पलाइन नंबर के जरिए मदद मांग सकें.
महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ होगा। बता दें कुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी।
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.