Mahakumbh भगदड़ पर बोले स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, कड़वी सच्चाई को करना होगा स्वीकार
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Mahakumbh भगदड़ पर बोले स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, कड़वी सच्चाई को करना होगा स्वीकार

Mahakumbh भगदड़ को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने घटना को लेकर प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में सिर्फ व्यवस्था के नाम पर ढोल पीटा गया और यह घटना एक कड़वी सच्चाई है जिसे स्वीकार करना पड़ेगा.

Mahakumbh भगदड़ पर बोले स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, कड़वी सच्चाई को करना होगा स्वीकार

Mahakumbh भगदड़ को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने घटना को लेकर प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में सिर्फ व्यवस्था के नाम पर ढोल पीटा गया और यह घटना एक कड़वी सच्चाई है जिसे स्वीकार करना पड़ेगा.

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती का बयान

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "महाकुंभ में मची भगदड़ षड्यंत्र तो नहीं है, लेकिन जब बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं तो व्यवस्था बनानी पड़ती है. बहुत बड़ी मात्रा में व्यवस्था का ढोल पीटा गया है, ये एक कड़वी सच्चाई है जिसे स्वीकार करना पड़ेगा."

धैर्य बनाए रखें

उन्होंने कहा, "महाकुंभ मेला क्षेत्र में अधिकतर रास्ते एक ही थे, जहां से लोग आ-जा रहे थे. दोनों तरफ से भीड़ कब बढ़ गई और इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हुआ, जिसके कारण ये दुर्घटना घटी. मैं मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. सभी से अपील करूंगा कि वे धैर्य रखें."

144 साल वाले बयान पर उठाए सवाल

उन्होंने महाकुंभ के 144 साल के बाद होने वाले सवाल पर कहा, "ये बस एक प्रोपेगेंडा है और इससे हिंदू समाज का बहुत नुकसान हुआ है. इसी के चलते बहुत बड़ी संख्या में फर्जी ज्योतिष आ गए हैं, वे सिर्फ टीवी चैनल पर बैठकर बकवास करते हैं. मेरा मानना है कि हिंदू समाज को मौत के मुंह में भी धकेलने का काम इन्हीं फर्जी ज्योतिषियों ने किया है."

फिट इंडिया कैंपेन पर क्या कहा

पीएम मोदी के फिट इंडिया कैंपेन पर उन्होंने कहा, "मैं सकारात्मक नजरिए से प्रधानमंत्री के इस अभियान को देखता हूं. उन्होंने पीएम बनते ही पहला काम शौचालय निर्माण का किया. मेरा मानना है कि देश का नागरिक स्वस्थ रहेगा तो तभी देश का विकास होगा. अगर देश का व्यक्ति ही अस्वस्थ हो तो राष्ट्र भी अस्वस्थ होगा. इस सूत्र को समझना चाहिए, मैं प्रधानमंत्री मोदी से पूरी तरह सहमत हूं."

'सबका साथ सबका विकास'

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आगे कहा, "संविधान के नाम पर विलाप करने वाले लोग और संविधान की मान्यता को लेकर चलने वाले लोगों में बहुत फर्क होता है. नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पार्लियामेंट की सीढ़ियों पर माथा रखकर प्रणाम किया था. उन्होंने 'सबका साथ सबका विकास' का नारा दिया था. हालांकि, ये अलग बात है कि इस देश में एक कौम है, जिसे 'वंदे भारत', 'भारत माता की मां' जैसे शब्दों से भी नफरत है वे ट्रेन पर पत्थर फेंकने से भी नहीं डरते, इसलिए सबका विश्वास वाला विषय थोड़ा विफल हुआ है."

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