नोएडा लिंक लाइन मेट्रो पर गुड न्यूज, बॉटेनिकल गार्डन से ग्रेटर नोएडा तक 11 स्टेशनों पर बनी बात, 3 हजार करोड़ खर्च
Aqua link line metro: नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएमआरसी) जल्द परियोजना का टोपोग्राफी सर्वेक्षण शुरू कराने जा रहा है. इस सर्वेक्षण के जरिये जमीन की ऊंचाई गहराई आकार और स्थान का पता चलेगा जिसके आधार पर परियोजना का ड्राइंग डिजाइन तैयार किया जाएगा.
नोएडा मेट्रो लिंक लाइन, जिसे एक्वा लाइन के नाम से भी जाना जाता है, नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाली एक मेट्रो रेल लाइन है. यह लाइन 29.7 किलोमीटर लंबी है और इसमें 21 स्टेशन हैं.नोएडा मेट्रो लिंक लाइन के लिए होगा टोपोग्राफी सर्वे किया जाएगा. आइए जानते हैं..
बनेगी सेक्टर-142 एक्वा लिंक लाइन
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बॉटेनिकल गार्डन से सेक्टर-142 एक्वा लिंक लाइन मेट्रो का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक शुरू किया जा सकता है. नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएमआरसी) जल्द परियोजना का टोपोग्राफी सर्वेक्षण शुरू कराने जा रहा है.
एक्वा पिंक लाइन में कितने स्टेशन हैं
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नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन में 21 स्टेशन हैं. यह लाइन नोएडा के सेक्टर 51 से ग्रेटर नोएडा के डिपो तक चलती है.
ब्लू लाइन के यात्रियों को फायदा
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बोटेनिकल गार्डन से दिल्ली के द्वारका से नोएडा के सेक्टर-62 तक चलने वाली ब्लू लाइन और बाटेनिकल गार्डन से जनकपुरी तक जाने वाली मजेंटा लाइन है. नया लिंक बनने से मजेंटा और ब्लू लाइन के यात्रियों को नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे के किनारे बसे सेक्टर व सोसायटी, आफिस या ग्रेटर नोएडा जाने में फायदा मिलेगा.
ग्रेटर नोएडा आपस में एक्वा लाइन मेट्रो से कनेक्ट
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फिलहाल नोएडा और ग्रेटर नोएडा आपस में एक्वा लाइन मेट्रो से कनेक्ट है. यह लाइन सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा डिपो तक है. पूरा ट्रैक 29.707 किमी का है. दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन के ब्लू लाइन को जोड़ता है. यात्रियों को इस इंटर चेंज के लिए करीब 300 मीटर पैदल चलना पड़ता है.
बॉटेनिकल गार्डन पर नया स्टेशन
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लिंक लाइन के लिए बॉटेनिकल गार्डन पर नया स्टेशन बनेगा. नए लिंक बनने से ऐसा नहीं होगा. डीएमआरसी की नोएडा में दो लाइन है. पहला ब्लू जो दिल्ली के द्वारका से नोएडा के सेक्टर-62 और मैजेंटा लाइन नोएडा के बॉटेनिकल गार्डन से जनकपुरी तक है. नई लिंक लाइन की डीपीआर के मुताबिक एक नया प्लेटफार्म या सेक्शन बनाया जाएगा, जो बाटेनिकल गार्डन मेट्रो को कनेक्ट करेगा. यह लाइन एक्वा लाइन होगी. इसलिए इसका ट्रैक भी डीएमआरसी के ट्रैक से अलग होगा.
मेट्रो कॉरिडोर पर 11 स्टेशन होंगे
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मेट्रो कारिडोर पर बाटेनिकल गार्डन, सेक्टर-44, नोएडा प्रशासनिक भवन, सेक्टर-97, सेक्टर-105, सेक्टर-108, सेक्टर-93, पंचशील बालक इंटर कालेज स्टेशन बनाए जाएंगे. कारिडोर का आखिरी स्टेशन
सेक्टर-142 होगा जो कि पहले ही बनकर तैयार होंगे. यह विस्तार ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक जाएगा. इस रूट की लंबाई करीब 17.435 किलोमीटर होगी. नए लिंक के लिए अलग से टोकन काउंटर बनाए जाएंगे
लिंक लाइन के लिए टोपोग्राफी सर्वे
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नोएडा मेट्रो लिंक लाइन के लिए टोपोग्राफी सर्वे होगा. इस सर्वे के लिए एनएमआरसी एक कंपनी हायर करेगी. इस लाइन 11.56 किमी लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत 2254 करोड़ है. 1.25 लाख लोग सफर करेंगे.
मेट्रो स्टेशन के आसपास पार्किंग
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योजना के मुताबिक मेट्रो स्टेशन और आसपास पार्किंग की व्यवस्था होगी ताकि यहां आने वाले लोगों को वाहन पार्किंग की सहूलियत मिल सके. एक्वा लाइन कारिडोर की गलतियों से सबक लेते हुए इसमें सुधार किया जाएगा.
कब शुरू होगा काम
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केंद्र सरकार से अनुमति के बाद टेंडर और निर्माण कंपनी को अवॉर्ड कराने में करीब छह महीने का समय लग सकता है. जिसके बाद ही काम शुरू होगा.
जानते हैं कि टोपोग्राफी सर्वे क्या होता है?
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इस सर्वे में बोटेनिकल गार्डन से सेक्टर-142 तक के पूरे रूट का सर्वे किया जाएगा. इस सर्वे में स्वायल टेस्टिंग से लेकर पूरे रूट पर जमीन की ऊंचाई, आकार, गहराई और स्थान का पता चलेगा. इसी सर्वे से पिलर जमीन में कितना गहरा और ऊंचा होगा ये तय होगा. फाउंनडेशन की मजबूती क्या होगी ये भी तय होगा. इसलिए ये सर्वे काफी महत्वपूर्ण है.
कितने लोग रोज करते हैं सफर
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नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लिंक लाइन 11.56 किलोमीटर का मेट्रो कॉरिडोर बनेगा. इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को यूपी कैबिनेट से अप्रूवल के बाद केंद्र सरकार को भेजा गया है. आने वाले कुछ महीनों में केंद्र से इसकी मंजूरी मिल जाएगी.
कब तक बनकर तैयार होगा रूट
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ये रूट करीब पांच साल में बनकर तैयार हो जाएगा. इस पर रोज करीब 1.25 लाख लोग इस लिंक लाइन पर सफर करेंगे. इसके निर्माण में करीब 2254.35 करोड़ रुपये खर्च होंगे
डिस्क्लेमर
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लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.
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