समुद्र मंथन में रस्सी बने थे नागवासुकी, प्रयागराज में किया था विश्राम, महाकुंभ आएं तो प्राचीन मंदिर का करें दर्शन
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समुद्र मंथन में रस्सी बने थे नागवासुकी, प्रयागराज में किया था विश्राम, महाकुंभ आएं तो प्राचीन मंदिर का करें दर्शन

Prayagraj News: प्रयागराज का नागवासुकी मंदिर, समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है.  मंदिर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण सीएम योगी के प्रयासों से हुआ है. आइए आपको बताते हैं. इस मंदिर के मान्यताओं के बारे में  

Prayagraj News, NagvasukiTemple

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के बीच वहां मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थल भी चर्चा में है. इन्हीं में से एक है- दारागंज मोहल्ले में बना प्राचीन नागवासुकी मंदिर. समुद्र मंथन के समय सर्पराज नागवासुकी ने यहां विश्राम किया था . नागवासुकी ने रस्सी के रूप में इस्तेमाल होने के बाद भगवान विष्णु के कहने पर प्रयाग में विश्राम किया और त्रिवेणी संगम के तट पर निवास किया. यहीं उनका प्राचीन मंदिर है.

मंदिर के दर्शन से जुड़े कई धार्मिक लाभों के बारे में मान्यता है.  संगम स्नान के बाद यहां नागवासुकी के दर्शन से पूर्ण फल की प्राप्ति होती है.  खासकर नागपंचमी पर इस मंदिर में विशेष पूजा होती है, जहां श्रद्धालु कालसर्प दोष से मुक्ति प्राप्त करने के लिए पूजा करते हैं.

नई पीढ़ी भी धार्मिक धरोहर से जुड़े
इस मंदिर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया है. नई पीढ़ी भी इस धार्मिक धरोहर से जुड़ रही है. इस मंदिर के ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखा गया है. महाकुंभ दर्शन स्नान के लिए आने वाले एक बार यहां भी जरूर आएं. 

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