महाकुंभ धर्म-अध्यात्म, पुण्य अर्जन, मानव सेवा, एकता, सत्कर्म के मूल्यों को आत्मसात करने के साथ ही डिजिटल महाकुंभ और सुरक्षित महाकुंभ की अनुभूति प्रदान करने वाला भी है. साधु-संतों का कहना है कि महाकुंभ जैसे महाआयोजन में इतनी सुदृढ़ व्यवस्था वही कर सकता है जो सच्चा सनातनी हो, और यही कारण है कि सनातन के गर्व सीएम योगी आदित्यनाथ से बेहतर व्यवस्था कर पाना सबके बस की बात नहीं है.
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Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी द्वारा महाकुंभ के महाआयोजन को सफल बनाने के लिए की गई अभूतपूर्व व्यवस्था को लेकर आम भक्तों, कल्पवासियों समेत साधु-संन्यासियों ने भी हर्ष जताया है. बुधवार को माघी पूर्णिमा पर करोड़ों आस्थावानों ने संगम नोज समेत विभिन्न कच्चे-पक्के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई.
सुविधाओं को लेकर जताया हर्ष
इसमें सनातन धर्म के प्राण कहे जाने वाले सभी अखाड़ों के साधु-संत भी शामिल रहे, जिन्होंने स्नान की व्यवस्था से लेकर महाकुंभ में उन्हें मिली सुविधाओं को लेकर हर्ष जताया है. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया. उनका कहना है कि महाकुंभ सनातन धर्म को समझने और सनातन सत्य को अनुभूति करने का ऐसा माध्यम है, जिसका वर्षों से आयोजन होता रहा है, मगर यह महाकुंभ कई मायनों में विशिष्ट है.
ये है महाकुंभ का महत्व
गुरु एवं किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर आर. मणिकंदन ने महाकुंभ के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में गुजारा गया एक-एक क्षण अमृत तुल्य है. यहां साधु-संतों, संन्यासियों और आम नागरिकों को मिल रही सुविधाओं को लेकर हर्ष जताते हुए गुरु मणिकंदन ने कहा कि सीएम योगी का प्रयास अतुलनीय है. उनके अनुसार, एक सच्चा सनातनी और सनातन धर्म का मर्मज्ञ ही इस प्रकार वृहद आयोजन को सुप्रबंधित और सुप्रतिष्ठित बना सकता है.
न करें ये काम
मणिकंदन अघोर तंत्राचार्य होने के साथ ही काशी के मणिकर्णिका घाट में होने वाली मसान होली (चिताभस्म से खेली जाने वाली होली) में भी नरमुंडों की माला धारण करने में अग्रणी भूमिका में रहते हैं. उन्होंने स्नानार्थियों से यह भी अपील की कि स्नान पर्वों पर केवल संगम नोज पर ही स्नान करने को वरीयता न दें. उनके अनुसार, सारा महाकुंभ मेला क्षेत्र ही शक्ति त्रिकोण है, जिसमें सभी तीर्थों का पुण्य समाहित है. ऐसे में, संगम नोज पर अत्यधिक भीड़ बढ़ाने के बजाए नजदीकी घाटों पर स्नान करना श्रेयस्कर होगा और वही पुण्य प्राप्त होगा जो संगम नोज पर स्नान करने से प्राप्त होता है.
प्रयागराज से काशी के लिए प्रस्थान
माघ पूर्णिमा समेत महाकुंभ के अंतर्गत अभी तक सभी प्रमुख स्नानों में सम्मिलित रहे उज्जैन के श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के नागा संन्यासी बंगाली बाबा (शाहपुरा वाले) ने बताया कि अब वह स्नान के बाद प्रयागराज से काशी के लिए प्रस्थान कर रहे हैं और अगले 15 दिन काशी में प्रवास करेंगे. बंगाली बाबा ने बताया कि प्रयागराज से काशी के लिए वसंत पंचमी के बाद से ही अलग-अलग अखाड़े, साधु-संत व धर्माचार्य प्रस्थान करना शुरू कर देते हैं. उनके अनुसार, काशी में सभी अखाड़ों के नाम से अधिकृत स्थल हैं, जहां पर वह महाशिवरात्रि तक रहते हैं और बाबा विश्वनाथ के साथ होली खेलकर आगे प्रस्थान करते हैं.
सीएम योगी सनातन के सूर्य
उनके अनुसार, सीएम योगी सनातन के सूर्य हैं और उन्होंने जिस प्रकार महाकुंभ के इस आयोजन को सफल बनाया है, संतों का सत्कार किया है तथा जिस प्रकार आमजन को सुरक्षित व सुव्यवस्थित तरीके से इस महाआयोजन का अंग बनाने की कोशिश की है, वह प्रशंसा योग्य है.
परम सौभाग्य का क्षण
रघुवंश संकल्प सेवा संघ तथा अयोध्या के राम-वैदेही मंदिर के प्रमुख स्वामी दिलीप दास त्यागी ने बताया कि यह परम सौभाग्य का क्षण है कि माघ पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर पुण्य की डुबकी लगाने का अवसर प्राप्त हुआ. उनके अनुसार, अयोध्या से आए हमारे तमाम साधु-संतों ने सभी प्रमुख स्नान पर्वों समेत माघ पूर्णिमा के इस महान अवसर का लाभ उठाया और त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई. ऐसा लग रहा है कि हमारा जीवन धन्य हो गया.
सहयोग भावना से आएं महाकुंभ
उन्होंने सीएम योगी और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों की तारीफ करते हुए लोगों से अपील की कि वह महाकुंभ में आएं और डिजिटल महाकुंभ, सुरक्षित महाकुंभ समेत विभिन्न आयामों को अनुभूत करें. साथ ही, महाकुंभ को भव्य, सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित रखने के लिए उन्होंने आम नागरिकों व स्नानार्थियों को सभी प्रकार से सहयोग करने की अपील भी की. (रिपोर्ट- आईएएनएस)
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