Kalpavas for widowed women: यूं तो अलग-अलग प्रकार के लोगों के लिए अलग-अलग तरह के नियम होते हैं. कुछ लोग बिना खाए एक महीने तक का कल्पवास करते हैं तो कुछ लोग एक समय खाकर इस कल्पवास को पूरा करते हैं. तो आज हम आपको बता रहे हैं महिलाओं और विधवा महिलाओं के लिए क्या है कल्पवास के नियम.
Trending Photos
Kalpavas for widowed women: क्या आपको पता है कि कल्पवास क्या होता है? कल्पवास को एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक साधना माना जाता है. यह साधना विशेष तौर पर कुंभ मेले के दौरान की जाती है. कल्पवास कोई भी व्यक्ति कर सकता है. इसके लिए उसे एक माह तक तीर्थस्थल (प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन या नासिक) पर नदी के तट पर निवास करना होता है. इसके अलावा तप, ध्यान, दान और साधना करते हुए कठोर जीवन जीना होता है. इसके अलावा सोने, खाने और रहने जैसे कई कठिन नियम को पालन करना होता है.
कई तरह के होते हैं नियम
यूं तो अलग-अलग प्रकार के लोगों के लिए अलग-अलग तरह के नियम होते हैं. कुछ लोग बिना खाए एक महीने तक का कल्पवास करते हैं तो कुछ लोग एक समय खाकर इस कल्पवास को पूरा करते हैं. तो आज हम आपको बता रहे हैं महिलाओं और विधवा महिलाओं के लिए क्या है कल्पवास के नियम.
अगर कोई महिला कल्पवास कर रही हैं तो उनके लिए अलग से कोई नियम नहीं है. लेकिन उन्हें ध्यान रखना होता है मासिक धर्म का. अगर कल्पवास के दौरान मासिक धर्म आ जाता है तो वह ऐसे समय में पूजा और यज्ञ में भाग नहीं लेती हैं लेकिन हां, अन्य नियमों का पालन करते रहती है.
मासिक धर्म के दौरान क्या करें
अगर किसी महिला को कल्पवास के दौरान मासिक धर्म आ जाता है तो भी उस दौरान भोजन बनाना और सेवा करने के साथ साधना और तपस्या भी कर सकती हैं. अगर कोई दंपत्ति साथ है, तो उस दौरान पत्नी अपने पति के साथ पूजन और सेवा में सहयोग करती हैं.
कल्पवास में विधवा महिलाओं के लिए भी नियम हैं. इस नियम के तहत उन्हें अपना सारा समय भक्ति और साधना में लगाना होता है. इस दौरान उम्मीद की जाती है कि वह संयमित जीवन जिएं. कल्पवास के दौरान आत्मशुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है. विधवा महिलाएं अन्य महिलाओं के समूह के साथ कल्पवास करती हैं.