Jaunpur News : हिन्दू संगठन की ओर से आगरा के वकील अजय प्रताप सिंह ने जौनपुर कोर्ट में यह वाद दायर की है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि अटाला मस्जिद मूलरूप से अटाला माता मंदिर है.
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अजीत सिंह/जौनपुर : जौनपुर स्थित अटाला मस्जिद को अटाला माता मंदिर होने का दावा किया गया है. हिन्दू पक्ष का दावा है कि अटाला मस्जिद में त्रिशूल, फूल आदि के चित्र मौजूद हैं. हिन्दू पक्ष की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में वाद दायर कर अटाला मस्जिद को अटाला माता मंदिर घोषित करने की मांग की है.
हिन्दू संगठन के वकील का ये दावा
दरअसल, हिन्दू संगठन की ओर से आगरा के वकील अजय प्रताप सिंह ने जौनपुर कोर्ट में यह वाद दायर की है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि अटाला मस्जिद मूलरूप से अटाला माता मंदिर है. ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार, अटाला माता मंदिर का निर्माण कन्नौज के राजा जयचंद्र राठौर ने करवाया था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रथम निदेशक ने अपनी रिपोर्ट लिखा है कि अटाला माता मंदिर को तोड़ने का आदेश फिरोज शाह ने दिया था, लेकिन हिंदुओं के संघर्ष के कारण मंदिर को तोड़ नहीं पाया. इसपर बाद में इब्राहिम शाह अतिक्रमण कर मंदिर का उपयोग मस्जिद के रूप में करने लगा.
यहां मिल रहे प्रमाण
अजय प्रताप सिंह ने बताया कि कलकत्ता स्कूल ऑफ आर्ट के प्रिंसिपल ईबी हेवेल ने अपनी पुस्तक में अटाला मस्जिद की प्रकृति और चरित्र को हिन्दू बताया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की कई रिपोर्ट्स में अटाला मस्जिद के चित्र दिए गए हैं. इनमें त्रिशूल, फूल, गुड़हल के फूल, त्रिशूल आदि मिले हैं. साल 1865 के एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल के जनरल में अटाला मजिस्द के भवन पर कलश की आकृतियों का होना बताया गया है.
फतेहपुर सीकरी की दरगाह में माता कामाख्या देवी का मंदिर होने का दावा
उन्होंने कहा कि अटाला मस्जिद ही अटाला माता मंदिर का मूल भवन है, जो कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन एक संरक्षित स्मारक है और एक राष्ट्रीय महत्व का स्मारक है. बता दें कि इससे पहले एडवोकेट अजय प्रताप सिंह ने फतेहपुर सीकरी की दरगाह में माता कामाख्या देवी का मंदिर होने का दावा कर आगरा जिला कोर्ट में वाद दायर किया. उनका कहना है कि फतेहपुर सीकरी की सलीम चिश्ती दरगाह में माता कामाख्या देवी का मूल गर्भ है. इस दरगाह पर कभी क्षत्रियों का राज हुआ करता था. हिन्दू संगठनों की मांग है कि सलीम शेख चिश्ती दरगाह को माता कामाख्या का मंदिर घोषित किया गया जाए.