वीआईपी या आम आदमी? कुंभ मेला में किसको मिले सुविधा, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
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वीआईपी या आम आदमी? कुंभ मेला में किसको मिले सुविधा, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

Mahakumbh 2025: महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या से पहले प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मंगलवार रात भगदड़ मच गई थी. इस घटना में 30 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. 

Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में भगदड से हुई मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका में इस घटना को लेकर यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब किए जाने और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी यह जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में सभी राज्यों द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र में सुविधा सेंटर खोलने की मांग की गई है जिससे गैर हिन्दी भाषी लोगों को सुविधा मिल सके.

कुंभ मेला क्षेत्र मे सुविधा सेंटर खोलने की मांग

याचिका में भविष्य में ऐसी दुर्घटना से बचने के लिए सभी राज्यों द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र मे सुविधा सेंटर खोलने की मांग की गई है. याचिककर्ता के मुताबिक इन सेंटर में उन राज्यों से आने वाले लोगो की सुरक्षा इंतजामों और दिशानिर्देश की जानकारी दी जानी चाहिए. सड़क, मेला रूट , सुरक्षा प्रबन्धों को लेकर एनाउंसमेंट हिंदी के अलावा दूसरी भाषा में होने चाहिए ताकि गैर हिन्दी भाषी लोगों को दिक्कत न हो.

वीआईपी मूवमेंट सीमित किया जाए

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका मे मांग की गई है कि ऐसे आयोजनों मे वीआईपी मूवमेंट सीमित किया जाए. ज्यादा से ज्यादा स्पेस आम आदमी के लिए रखा जाए. सभी राज्य यूपी सरकार के साथ समन्वय करके अपनी मेडिकल टीम भी मेला क्षेत्र में रखें ताकि इमरजेंसी के वक़्त मेडिकल सुविधा की कमी न हो.

देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाए जाएं

याचिका में बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड़ से बचने और लोगों को सही जानकारी दिए जाने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाने, मोबाइल, व्हाट्सएप पर राज्यों द्वारा अपने तीर्थयात्रियों को जानकारी दिए जाने की मांग की गई है.

कैसे हुआ था महाकुंभ में हादसा?

मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम नोज पर अमृत स्नान करने की प्रबल इच्छा लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा हुआ था. हर कोई इस पवित्र क्षण का भागीदार बनना चाहता था. इसके चलते वहां वहां बहुत ही भीड़ जमा हो गई.जो श्रद्धालु मौनी अमावस्या के दिन ही स्नान करने के लिए पहुंचे थे, उन्होंने बैरिकेडिंग के किनारे पॉलिथीन बिछाकर डेरा जमा लिया था. संगम नोज पर बहुत भारी भीड़ थी. प्रशासन ने विभिन्न अखाड़ों के लिए सुबह 5 बजे से शुरू होने वाले अमृत स्नान के लिए अलग से रास्ता आरक्षित किया था. एक बजे के आसपास यहां पर बहुत ही ज्यादा में लोग इक्ट्ठा हो गए. लगभग 1:45 बजे लोग अनियंत्रित होकर बैरिकेडिंग कूदकर संगम की ओर जाने लगे. इस भगदड़ में बैरिकेडिंग कूदने वाले लोग पहले से सो रहे लोगों के ऊपर गिरते जा रहे थे. पीछे से आ रही भीड़ उन परिवारों पर गिरती जा रही थी.भीड़ ने अचानक लोगों को रौंदना शुरू कर दिया, जिससे कई लोग घायल हो गए. इस हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई और कई दर्जन लोग घायल हो गए.

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