KushiNagar News: कुशीनगर मदनी मस्जिद गिराने में प्रशासन की चूक या बीजेपी नेता का जोश पड़ा भारी, अदालती आदेश से सवालिया निशान
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2651109

KushiNagar News: कुशीनगर मदनी मस्जिद गिराने में प्रशासन की चूक या बीजेपी नेता का जोश पड़ा भारी, अदालती आदेश से सवालिया निशान

KushiNagar Latest News: उत्तरप्रदेश के कुशीनगर से एक जमीनी मामला सामने आया है. जिसमें मदनी मस्जिद फिर से चर्चाओं में आया है. जिसके बाद प्रशासन ने 9 फरवरी को बुलडोजर की कार्रवाही करके अवैध 14 फीट के हिस्से को खंडित कर दिया था. जानिए पूरा मामला क्या है?

 

Kushinagar News

KushiNagar News Hindi \ Pramod Kumar : उत्तरप्रदेश के कुशीनगर से एक बड़ी खबर सामने आई है. जिसमें जिले का मदनी मस्जिद फिर से चर्चाओं में आ रहा है. बुलडोजर की कार्यवाही के बाद चर्चाओं में रहने वाला मदनी मस्जिद पर सरकारी भूमि और मान्य नक़्शे से 14 फीट बढ़ा कर बनाने का आरोप लगा था. जिसके बाद प्रशासन ने 9 फरवरी को बुलडोजर की कार्रवाही करके अवैध 14 फीट के हिस्से को खंडित कर दिया, लेकिन प्रशासन के द्वारा किये गए बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद पक्ष की तरफ से एक याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अब जिम्मेदार अधिकारियों को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए अधिकारियों से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. 

चर्चाओं में मदनी मस्जिद 
कुशीनगर का मदनी मस्जिद उस समय चर्चाओं में आया जब भाजपा के एक नेता राम बच्चन सिंह ने हाटा नगर में स्थित मदनी मस्जिद पर अवैध कब्ज़े का आरोप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर लगाया था. मदनी मस्जिद द्वारा नगरपालिका की जमीन, नजूल की जमीन के अलावा थाने की जमीन का कुछ हिस्सा कब्जा करके मदनी मस्जिद का निर्माण करवाया गया. साथ ही मदनी पर यह भी आरोप लगा कि मस्जिद के मान्य नक्शे से मदनी मस्जिद का निर्माण नही हुआ है. जिसमें मस्जिद के जमीन में बने कमरें और दो मंजिल तक का मान्य नक्शे से अधिक चार मंजिल मस्जिद का निर्माण करवाया गया. 

सीएम योगी से शिकायत के बाद 18 दिसंबर को तहसील प्रशासन और नगरपालिका प्रशासन ने मस्जिद की जांच की और जांच की रिपोर्ट 23 दिसंबर को शासन को भेजी गई. जिसके बाद कुशीनगर के हाटा कस्बा में स्थित मदनी मस्जिद के मानचित्र की स्वीकृति नक़्शे को नगर पालिका परिषद हाटा द्वारा 25.09.1999 को देने का जिक्र करते हुए मान्य मानचित्र में मस्जिद को गाटा संख्या-208 पर रकबा-7080.50 वर्गफीट पर निर्माण की अनुमति प्रदान की गई थी. 

मस्जिद का निर्माण 
मस्जिद का निर्माण का पूर्वी हिस्सा और दक्षिणी हिस्सा व उत्तरी हिस्सा 14 फीट बढ़कर बनाया गया है. जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाही आगे बढ़ाते हुए मदनी मस्जिद के पक्षकारों को पहला नोटिस 21 दिसंबर 2024 व दूसरा नोटिस 8 जनवरी 2025 और तीसरा नोटिस 12 जनवरी को जारी करते हुए. मदनी मस्जिद के अवैध निर्माण के सम्बन्ध में अपना पक्ष प्रस्तुत करने का समय दिया. 

प्रशासन की कार्यवाही 
प्रशासन की बुलडोजर की कार्यवाही के विरोध में मदनी मस्जिद के पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जिसके बाद मदनी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश सामने आया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के कुशीनगर के अधिकारियों को मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर नोटिस भेजा. 13 नवंबर 2024 के आदेश का उल्लंघन करते हुए बिना पूर्व सूचना और सुनवाई के डिमोलिशन पर रोक लगाई गई थी. 

मदनी मस्जिद का इतिहास 
कुशीनगर मदनी मस्जिद की इतिहास की बात करें तो मदनी मस्जिद 1999 में अजमतुन निशा,आसिफ अली व जाकिर अली द्वारा गाटा संख्या 208 व 207 में जमीन खरीदी गई थी. लगभग 5 डिसमिल,जबकि बाकी की जमीन राजश्व धारा 101 एक्सचेंज के तहत गाटा संख्या 207,205 व 206 में बाकी की जमीन ली गई. कुल मदनी मस्जिद की 33 डिसमिल की जमीन में 1999 में निर्माण कार्य शुरू हुआ. 2016 में मदनी मस्जिद के लगभग भवन का निर्माण कर लिया गया जिसके बाद मदनी मस्जिद में अजान और नमाज की इबादत शुरू हो गई. 

मदनी मस्जिद का निर्माण शुरू 
मदनी मस्जिद का जब निर्माण शुरू हुआ तब से मदनी विवादों में घिर गई. विवाद की वजह मदनी मस्जिद का नक्शा बनाया गया. उस समय मदनी मस्जिद सिर्फ दो मंजिल तक का भवन का नक्शा बना था. नियम के अनुसार रखकर चार मंजिल और जमीन का निर्माण किस आधार पर हुआ इसकी जांच शुरू हुई.

मदनी मस्जिद पर आरोप 
मदनी पर यह भी आरोप लगा कि मस्जिद का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर जिसमें नगरपालिका हाटा की जमीन के अलावा नजुल की जमीन व थाने की जमीन शामिल है. जिसकी जांच 18 दिसंबर को हाटा तहसील प्रशासन द्वारा इसकी जांच की गई थी. सरकारी भूमि के गाटा संख्या 201 में 0.44 जमीन मदनी मस्जिद द्वारा अवैध कब्जा करके बनाया गया, जबकि स्वीकृत मानचित्र में मस्जिद को गाटा संख्या-208 पर रकबा-7080.50 वर्गफीट पर निर्माण की अनुमति प्रदान की गयी थी. 

स्वीकृत मानचित्र के जांच में मस्जिद के अतिरिक्त जांच निर्मित भवन का निर्माण 6555 वर्गफीट क्षेत्र अधिक पाया गया है. जिसे प्रशासन ने अवैध घोषित करते हुए 9 फरवरी को बुलडोजर की कार्रवाही कर मदनी मस्जिद के पहले हिस्से और दक्षिणी हिस्से की लगभग 14 फिट के अवैध हिस्से को 9 बुलडोजर की मदद से खंडित कर दिया गया. 

यह भी पढ़े- Kushinagar Masjid: क्यों तोड़ी गई मदनी मस्जिद? सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख से अफसरों पर अवमानना की तलवार लटकी

यह भी पढ़े- संभल के बाद कुशीनगर की मस्जिद पर सियासी बवाल, सपा नेता क्या कर पाएंगे मुस्लिम प्रतिनिधियों से मुलाकात

 

 

 

Trending news