UP Crime News: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया और इस गिरोह के सरगनाको गिरफ्तार कर लिया है. ये बसपा नेता लोकसभा चुनाव भी लड़ चुका है. 2017 में सेना में भर्ती के नाम पर 50 अभ्यर्थियों से ठगी की थी.
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UP News: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने गैंग के सरगना और 25 हजार के इनामी अपराधी लल्लन यादव को वाराणसी से गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के मुताबिक, ठगी से कमाए रुपयों के दम पर आरोपी लल्लन यादव बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुका है. जिसमें उसकी हार हुई थी. आरोप है कि उसने सेना में भर्ती कराने के नाम पर साल 2017 में करीब 50 अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूली थी. नौकरी नहीं मिलने पर पीड़ितों ने मुकदमा दर्ज कराया था. कुछ अभ्यर्थियों को फर्जी नियुक्ति पत्र थमाया कई अभ्यर्थियों ने अलग, अलग थानों में FIR दर्ज कराई थीं.
25 हजार रुपये का इनाम घोषित
लल्लन पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था. उसके पास से एक मोबाइल फोन और एक आधार कार्ड बरामद किया गया है. लल्लन यादव वर्ष 2024 में बलिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से बसपा का प्रत्याशी रहा है.
यूपी एसटीएफ को काफी दिनों से नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के पूर्वाचल में सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी. इसी दौरान गुप्त सूचना मिला कि नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का सरगना व थाना घोसी जनपद मऊ से रू0 25,000/- का इनामी अपराधी लल्लन यादव, वाराणसी के थाना सारनाथ क्षेत्रान्तर्गत श्रीनगर कॉलोनी के पास मौजूद है. इस सूचना पर टीम ने पहुंचकर लल्लन यादव उपरोक्त को गिरफ्तार कर लिया.
साल 1998 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ
वहीं गिरफ्तार लल्लन यादव से पूछताछ में सामने आया कि वो साल 1998 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था. लेकिन 2010 में छुट्टी पर आने के बाद से उसने नौकरी नहीं ज्वाइन की थी. इसके बाद सेना में भर्ती कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से ठगी करने लगा. साल 2017 में लगभग 50 अभ्यर्थियों से सेना में भर्ती कराने के नाम पर प्रति अभ्यर्थी 3 लाख रूपये लिए थे. अपने अकाउंट में उसने पैसा जमा करवाया.
ठगी के पैसे से लड़ा लोकसभा चुनाव
नौकरी के नाम पर ठगी से इकट्ठा किये गये पैसे से यह वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बलिया संसदीय क्षेत्र से बसपा का प्रत्याशी रहा था, लेकिन हार गया.भर्ती न होने पर संबंधित अभ्यर्थी व उनके परिजन इससे अपना पैसा वापस मांगने लगे. परन्तु यह अपना राजनीति प्रभाव दिखाकर पैसा वापस करने में टालमटोल करता रहा. ज्यादा दबाव पड़ने पर इसने कुछ अभ्यर्थियों को फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया.इतना सब होने के बाद अभ्यर्थियों ने अलग-एलग थानों में मामला दर्ज कराया गया था. जिस पर कार्रवाई करते हुए यूपी एसटीएफ ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया. इस फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर अभ्यर्थियों ने अलग-अलग थाने पर मुकदमा दर्ज कराया था। इसके खिलाफ वाराणसी, मऊ, गाजियाबाद और झारखंड में कई मुकदमें दर्ज है.