कौन हैं आचार्य सत्येंद्र दास, शिक्षक की नौकरी छोड़ बने पुजारी, टेंट से लेकर भव्य मंदिर तक 37 साल से रामलला की सेवा
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कौन हैं आचार्य सत्येंद्र दास, शिक्षक की नौकरी छोड़ बने पुजारी, टेंट से लेकर भव्य मंदिर तक 37 साल से रामलला की सेवा

Acharya Satyendra Das News: राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की तबीयत बीती रात अचानक ज्यादा बिगड़ गई. इसके बाद उनको लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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Who is Acharya Satyendra Das: अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की तबीयत रविवार रात ज्यादा बिगड़ गई. उनको आनन-फानन मं इलाज के लिए श्री राम अस्पताल ले जाया गया. हालत गंभीर होने पर प्राथमिक इलाज के बाद उनको पीजीआई लखनऊ रेफर किया गया है. जहां उनका इलाज चल रहा है. आचार्य सत्येंद्र दास का ब्रेन हेमरेज होने के साथ ब्लड प्रेशर बढ़ गया था. उनकी हालत स्थिर बनी हुई है.

कौन हैं आचार्य सत्येंद्र दास?
87 साल के राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बाबरी विध्वंस से लेकर रामलला के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी रहे हैं. वह राम जन्मभूमि परिसर में रामलला की बीते 34 साल से सेवा कर रहे हैं. उन्होंने टेंट में रहे रामलला की 28 साल तक पूजा पाठ किया. इसके बाद करीब चार साल तक अस्थायी मंदिर में विराजे रामलला की सेवा मुख्य पुजारी के रूप में की. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अभी तक वह मुख्य पुजारी के रूप में सेवा दे रहे हैं. स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते उनके मंदिर आने जाने पर कोई शर्त लागू नहीं है. वह जब चाहें मंदिर आ जा सकते हैं.

आचार्य सत्येंद्र दास का सफर
आचार्य सत्येंद्र दास ने साल 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री हासिल की. इसके बाद अगले साल यानी 1976 में उन्होंने अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में सहायक शिक्षक की नौकरी मिल गई. मार्च 1992 में उनको तत्कालीन रिसीवर ने पुजारी के तौर पर नियुक्ति की थी. तब उनको केवल 100 रुपये वेतन मिलता था. लेकिन बाद में इसमें बढ़ोतरी की गई थी.

आजीवन मिलेगा वेतन
मुख्‍य पुजारी सत्‍येंद्र दास को मुख्य पुजारी के तौर पर मिलने वाला वेतन आजीवन मिलता रहेगा. शुरुआत में उन्हें 100 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाता था. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनका वेतन बढ़कर 38500 रुपये हो गया.  उनके स्वास्थ्य खराब होने पर श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट की ओर से उनसे कार्य मुक्ति का निवेदन किया था. हालांकि ट्रस्‍ट ने कहा कि मुख्य पुजारी पहले की तरह जब भी चाहेंगे, राम मंदिर आ सकेंगे. उनके आने-जाने और पूजा पाठ करने में कोई रोक टोक नहीं होगी.

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