UP News: गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी में लाइट मेट्रो परियोजना को केंद्रीय बजट में मंजूरी मिलने से इन शहरों में यातायात की स्थिति में सुधार हो सकता है. इन शहरों के बीच यातायात को आसान और तेज बनाने में मदद होगी.
केंद्रीय बजट से यूपी के छोटे शहरों जैसे गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी, मेरठ और वाराणसी में लाइट मेट्रो रेल चलाने की राह खुल गई है. पहले जानते हैं लाइट मेट्रो क्या होती है.
लाइट मेट्रो एक प्रकार की आधुनिक और हल्की रेल परिवहन प्रणाली है, जो शहरों में यातायात की समस्या को हल करने के लिए डिज़ाइन की गई है. यह पारंपरिक मेट्रो प्रणाली की तुलना में कम लागत और कम जटिलता के साथ बनाई गई है.
हल्की और कम लागत वाली प्रणाली,कम यातायात क्षमता वाले मार्गों पर उपयुक्त,कम ऊंचाई वाले प्लेटफ़ॉर्म और स्टेशन,इलेक्ट्रिक या डीजल-इलेक्ट्रिक ट्रेनें, स्वचालित या मैनुअल संचालन,शहरों में यातायात को आसान और तेज बनाने के लिए डिज़ाइन की गई होती हैं.
लाइट मेट्रो का उपयोग विश्व के कई शहरों में किया जा रहा है, जिनमें गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहर भी शामिल हैं.
ऐसा अनुमान है कि केंद्र सरकार द्वारा शनिवार को मेट्रो रेल परियोजना के लिए आवंटित बजट में यूपी के हिस्से में 1.73 लाख करोड़ रुपये आ सकते हैं. जिसके बाद विकास की राह और खुल जाएगी.
इसका मोटा हिस्सा कानपुर और आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए जाएगा. कानपुर और आगरा में मेट्रो रेल चल रही है.
लेकिन पहले से प्रस्तावित छोटे शहरों में भी मेट्रो की राह आसान होने वाली है. वाराणसी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए रोप-वे चलाने की तैयारी है. इस पर काम चल रहा है.
राज्य सरकार इसके साथ ही धार्मिक नगरी, वाराणसी, प्रयागराज में लाइट मेट्रो रेल चलाना चाहती है, जिससे इन दोनों धार्मिक शहरों में आने वाले पर्यटकों को शहरी यातायात की बेहतर सुविधा मिलेगी.
गोरखपुर में लाइट मेट्रो रेल चलने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी देते हुए केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है. इसके साथ ही झांसी और मेरठ में भी भविष्य में लाइट मेट्रो रेल चलाने की तैयारी है.
केंद्र सरकार ने राज्यों में शहरी यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री ई-बस सेवा की शुरुआत की है. उत्तर प्रदेश के 15 शहरों लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़,मेरठ, आगरा, मथुरा-वृंदावन, बरेली, शाजहांपुर, गाजियाबाद, झांसी, गोरखपुर, अयोध्या और मुरादाबाद में ई-बसें चलाई जा रही हैं.
केंद्र सरकार द्वारा पीएम ई-बस सेवा में आवंटित धनराशि में उत्तर प्रदेश के हिस्से 7277 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. इससे यह साफ है कि उत्तर प्रदेश के इन 15 शहरों में जहां ई-बसों का बेड़ा जहां और बढ़ेगा, वहीं अन्य शहरों में भी बसों को चलाने पर विचार किया जा सकता है. इसके साथ ही ई-बसों के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने की राह भी सुगम होगी, जिससे लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों की चार्जिंग की सुविधा मिलेगी.
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