Union Budget 2025: भारत में पहले रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश किया जाता था, हालांकि बाद में दोनों को एक में ही शामिल कर दिया गया. साल 2016 में पीयूष गोयल ने आखिरी बार रेल बजट पेश किया था.
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Union Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करने वाली हैं. यह वित्त मंत्री का अपने कार्यकाल में 8वां आम बजट होगा. वहीं पीएम मोदी के कार्यकाल का यह 3 तीसरा बजट होगा. इस बजट में रेल बजट भी शामिल होगा. बता दें कि रेल बजट को पहले अलग से पेश किया जाता था. बाद में यह आम बजट के साथ शामिल हो गया.
भारत में रेल बजट
वित्त वर्ष 2016-17 तक आम बजट और रेल को बजट अलग-अलग पेश किया जाता था. वहीं वित्त वर्ष 2017-18 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली बार दोनों बजट को पेश किया. वहीं साल 2016 में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आखिरी बार रेल बजट पेश किया था. भारत का पहले रेल बजट साल 1924 में ब्रिटिश शासन की ओर से पेश किया गया था. साल 1920-21 में ईस्ट इंडिया रेलवे कमेटी के चेयरमैन सर विलियम एकवर्थ कमेटी ने अलग से रेल बजट को पेश करने की रिपोर्ट सौपीं थीं.
भारत में रेल बजट पर खर्चा
बता दें कि आजादी के समय साल 1947-48 में रेल बजट 14 करोड़ 28 लाख रुपये था. देश में ट्रेनें बढ़ने के साथ ही रेलवे का आवंटन भी बढ़ता चला गया. साल 2014 में मनमोहन सिंह सरकार के आखिरी रेल बजट में इसपर 63,363 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गई थी. वहीं साल 2024-25 के बजट में रेल बजट का खर्चा 2,62,200 करोड़ तक बढ़ गया था. इस दौरान रेल बजट आम बजट के साथ ही पेश हुआ था.
आम बजट से क्यों अलग हुआ रेल बजट
साल 1947 में भारत की आजादी के समय रेलवे में हुई कमाई रेल बजट से 6 प्रतिशत अधिक थी. ऐसे में रेल बजट को आम बजट से अलग रखने की नीति अपनाई गई थी. वहीं 21 दिसंबर साल 1949 में संधिवान सभा की ओर से अनुमोदित किए एक प्रस्ताव में साल 1950-51 से लेकर अगले 5 साल तक रेलवे बजट को अलग से पेश करने की बात कही गई थी, हालांकि यह परंपरा साल 2016 तक जारी रही. आजादी के बाद रेलवे की कमाई में धीरे-धीरे कमी आने लगी. वहीं 70 के दशक में पूरी कमाई के हिसाब से रेलवे बजट 30 प्रतिशत रह गया. वहीं साल 2015-16 तक ये 11.5 प्रतिशत हो गया, जिसके बाद रेलवे बजट को आम बजट में ही शामिल कर दिया गया.