जम्मू-कश्मीर में फिर आतंकी हमला, दहशतगर्दों ने किश्तवाड़ में 2 ग्राम रक्षकों को उतारा मौत के घाट
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जम्मू-कश्मीर में फिर आतंकी हमला, दहशतगर्दों ने किश्तवाड़ में 2 ग्राम रक्षकों को उतारा मौत के घाट

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में एक बार आतंकियों ने हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि अपनी नापाक हरकत को अंजाम देते हुए आतंकवादियों ने 2 ग्राम रक्षकों को मार डाला. इस घटना की राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने निंदा की है. 

जम्मू-कश्मीर में फिर आतंकी हमला, दहशतगर्दों ने किश्तवाड़ में 2 ग्राम रक्षकों को उतारा मौत के घाट

Terrorst Attack: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से आतंकवादियों ने नापार हरकतों को अंजाम दिया है. जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में एक संदिग्ध आतंकवादी हमले में विलेज डिफेंस ग्रुप (वीडीजी) के दो सदस्यों की मौत हो गई है. वीडीजी की मौत पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह और नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्लाह ने इस हत्या की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि बर्बर हिंसा के ऐसे कृत्य जम्मू और कश्मीर में शांति प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण बाधा बने हुए हैं. दुख की इस घड़ी में उनकी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं.

पीड़ितों की पहचान नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के रूप में की गई है, जिन्हें कथित तौर पर किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर गांव में उनके घरों से हथियारबंद आतंकवादियों के एक समूह ने अगवा कर लिया था. सूत्रों के अनुसार, आतंकवादियों ने कुंतवाड़ा के जंगल में उन्हें गोली मार दी. दोनों ओहली कुंतवाड़ा के रहने वाले हैं. शाम तक दोनों के घर नहीं पहुंचने पर परिजनों और स्थानीय लोगों को शक हुआ. इसके बाद से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है और सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि सुरक्षाकर्मियों के शव बरामद कर लिए गए हैं और इलाके में सुरक्षा बलों ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. 

इस बीच आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने एक बयान जारी कर हत्याओं की जिम्मेदारी ली है. संगठन ने दावा किया है कि उन्होंने इस्लाम और कश्मीर की आजादी के नाम पर उनकी हत्या की है. घटना के बाद इलाके में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके में सतर्कता बढ़ा दी है और मामले की जांच शुरू कर दी है.

वीडीजी, जिन्हें पहले ग्राम रक्षा समितियां (वीडीसी) के नाम से जाना जाता था, की स्थापना 1990 के दशक के मध्य में आतंकवादी हमलों के जवाब में की गई थी, जो संवेदनशील क्षेत्रों में सेना की ताकत बढ़ाने का काम करती थीं.

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