Tamil Nadu News: तमिल नाडु में प्रसिद्ध कुमारवयालुर सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर में गैर ब्राह्मण पुजारियों का आरोप है कि उन्हें मंदिर के र्भगृह के अंदर कभी नहीं जाने दिया गया. इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को ज्ञापन सौंपा है.
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Tamil Nadu News: तमिल नाडु में चेन्नई शहर के तिरुचिरापल्ली में स्थित प्रसिद्ध कुमारवयालुर सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर को लेकर एक विवाद सामने आया है. मंदिर को लेकर 2 पुजारियों का आरोप है कि उन्हें गर्भगृह के अंदर नहीं जाने दिया गया है. इसको लेकर पुजारियों की ओर से एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें उन्होंने उनके साथ हो रहे भेदभाव को लेकर अपनी बात रखी है. ये पुजारी मंदिर में 4 साल पहले नियुक्त किए गए थे.
गैर-ब्राह्मण पुजारियों के साथ भेदभाव
तिरुचिरापल्ली के लोकप्रिय कुमारवयालुर सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के दो गैर ब्राह्मण पुजारियों ने मंगलवार 18 फरवरी 2025 को आरोप लगाया कि साल 2021 में मदिर में उनकी नियुक्ति के बाद से उन्हें मंदिर के गर्भगृह के अंदर कभी नहीं जाने दिया गया. इसको लेकर उन्होंने अधिकारियों से गृभगृह के अंदर उनके प्रवेश के लिए कदम उठाने की अपील की है. प्रभु और जयपाल नाम के इन 2 पुजारियों ने अधिकारियों से 19 फरवरी 2025 को होने वाले कुंभाभिषेकम (अभिषेक समारोह) के लिए अनुष्ठानों और संबंधित कार्यों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की मांग की है.
CM को सौंपा ज्ञापन
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से संचालित मंदिरों में सभी हिंदू जातियों के पुजारियों को नियुक्त करने की योजना बनाई गई है. इसके तहत ही इन पुजारियों को प्रशिक्षण के बाद सरकार की ओर से नियुक्त किया गया था. अब दोनों पुजारियों ने मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के मंत्री पी के शेखर बाबू और HRCE के शीर्ष अधिकारियों को ज्ञापन दिया है, जिसमें उन्होंने बताया कि वे 14 अगस्त 2021 को नियुक्त किए गए 24 पुजारियों में से हैं.
गर्भगृह में प्रवेश की नहीं मिली अनुमति
पुजारियों ने आरोप लगाया कि नियुक्ति के बाद से उन्हें कुमारवायलुर अरुलमिघु सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के परिसर में केवल भगवान गणेश और नवग्रहों के मंदिरों में पूजा करने की अनुमति दी गई थी. उन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाते हुए लिखा,' अब तक हमें भगवान मुरुगन के गर्भगृह में प्रवेश करने और पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई है.' पुजारियों ने पत्र में कहा कि श्रद्धालु उनके साथ सम्मान से पेश आए और उन्हें लोगों की ओर से किसी तरह का भेदभाव नहीं मिला, लेकिन शिवाचार्यों ने उन्हें गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी. फिलहाल मंदिर के शिवाचार्यों की इसको लेकर कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है. ( इनपुट-भाषा)