UP Police Sambhal Violence: बताया गया है कि संभल दंगे से ठीक एक दिन पहले ये दंगाई शहर में पहुंचे थे. जानकारी ये भी दी गई है कि दंगा करने आने वाले लोगों की तादाद 10 से 12 के बीच थी. दावा ये भी किया गया है कि संभल में जो लोग दंगा करने के इरादे से आए थे, उनका डासना में हुए फसाद से भी कनेक्शन है.
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Sambhal Violence: ज़ी न्यूज़ को संभल हिंसा की चिट्ठी मिली है. इस चिट्ठी में दंगाइयों के सबूत मिले हैं. इस चिट्ठी में दंगाइयों का लोकेशन यानी दंगाइयों का पता चल गया है. संभल दंगे को लेकर पुलिस को एक बड़ी जानकारी भेजी गई है. इस जानकारी के मुताबिक संभल दंगे में बाहर से आए लोग शामिल थे.
एक दिन पहले बाहर से पहुंचे थे दंगाई
बताया गया है कि संभल दंगे से ठीक एक दिन पहले ये दंगाई शहर में पहुंचे थे. जानकारी ये भी दी गई है कि दंगा करने आने वाले लोगों की तादाद 10 से 12 के बीच थी. दावा ये भी किया गया है कि संभल में जो लोग दंगा करने के इरादे से आए थे, उनका डासना में हुए फसाद से भी कनेक्शन है.
दंगे के एपिसेंटर यानी संभल से हापुड़ की दूरी तकरीबन 100 किलोमीटर है. इसी तरह संभल और रामपुर के बीच का फासला 60 किलोमीटर है. जबकि तीसरी लोकेशन यानी बुलंदशहर और संभल की दूरी 84 किलोमीटर है. ये फासला बहुत छोटा है और इसी वजह से पुलिस ने शक जाहिर किया था कि रातों रात संभल में बाहर से उपद्रवी आए थे और इसी शक को लेकर नई थ्योरी संभल पुलिस को मिली चिट्ठी का हिस्सा है.
जामा मस्जिद के नाम पर हुआ था दंगा
पुलिस तक पहुंचाए गए इन दावों की पूरी डिटेल क्या है. क्या वाकई दावे के मुताबिक संभल की हिंसा में बाहर से आए लोग शामिल थे. इन सवालों का जवाब आपको हमारी इस रिपोर्ट में मिलेगी. 24 नवंबर को जामा मस्जिद के नाम पर संभल में भयावह दंगा हुआ था. पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगा. पुलिस ने मेड इन पाकिस्तान कारतूस बरामद करने का दावा किया और अब सामने आया है एक खत, जो संभल पुलिस को भेजा गया है.
13 दिसंबर को संभल की सदर कोतवाली को डाक के जरिए ये खत भेजा गया है. इस खत में कहा गया है कि संभल हिंसा में हापुड़ से आए लोग शामिल थे. चिट्ठी भेजने वाले ने ये भी अपील की है अगर सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जाए तो इन उपद्रवियों का सच सामने आ जाएगा.
खत लिखने वाले ने किए चौंकाने वाले खुलासे
खत लिखने वाले ने हापुड़ के दंगाइयों का नाम डासना की हिंसा से भी जोड़ा है. हापुड़ के नजदीक डासना में 6 अक्टूबर को हंगामा हुआ था, जब उपद्रवियों की एक भीड़ यति नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ जमा हुई थी और डासना में एक मंदिर के नजदीक पथराव किया गया था. दावा है कि डासना में पथराव करने वाले एक उपद्रवी की कमान में ही हापुड़ से दंगाई संभल भी लाए गए थे.
पुलिस ने इस खत को दंगों की जांच का हिस्सा बना लिया है क्योंकि पुलिस और प्रशासन पहले भी ये शक जाहिर कर चुका था कि संभल की हिंसा में बाहर से आए लोगों का हाथ था.
दंगाइयों की गांव में हुई तारीफ
खत भेजने वाला अज्ञात शख्स है लेकिन उसका दावा है कि संभल की हिंसा के बाद हापुड़ से आए इन कथित दंगाइयों की उनके गांव में तारीफ भी की गई थी. ये दावा इशारा देता है कि चिट्ठी भेजने वाला शख्स शायद उन कथित दंगाइयों को करीब से जानता है, जिनके ऊपर बाहरी दंगाई होने का आरोप लगाया जा रहा है.
संभल दंगों की जांच को लेकर SIT का गठन हो चुका है. दंगे के तार और उनसे जुड़े सबूतों को लगातार खंगाला जा रहा है और साथ ही साथ इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है कि संभल में शांति से दोबारा कोई खिलवाड़ ना कर सके.
खत बना पुलिस की जांच का हिस्सा
संभल की दंगा फाइल्स में ये खत एक नया चैप्टर बन गया है, जिसने बाहर से आए दंगाइयों की थ्योरी को एक बार फिर चर्चा का हिस्सा बना दिया है. संभल पुलिस ने खत को जांच का हिस्सा बनाया है और साथ ही जानकारी भी दी है कि सिर्फ हापुड़ नहीं बल्कि दूसरे शहरों से भी दंगाइयों के संभल पहुंचने की जांच की जाएगी. अगर खत में लगाए गए आरोप और पुलिस की थ्योरी सही साबित हुई तो संभल का दंगा सिर्फ दंगा नहीं...बल्कि साजिश करार दिया जाएगा.