Shardiya Navratri: क्या देखी है शराब का सेवन करने वाली मां दूर्गा, यहां नेता भी आते हैं टिकट की मन्नत करने
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Shardiya Navratri: क्या देखी है शराब का सेवन करने वाली मां दूर्गा, यहां नेता भी आते हैं टिकट की मन्नत करने

देश में आपने कई मंदिर और धार्मिक स्थल देखें होंगे, लेकिन ऐसा मंदिर नहीं देखा होगा जहां मूर्ति सुरापान यानी शराब का सेवन करती हो. आज हम आपकों राजस्थान के टोंक जिले में दूनी नगर पालिका क्षेत्र में स्थित दूणजा मां के ऐतिहासिक मंदिर में आज भी शराब का भोग लगाया जाता है.

Shardiya Navratri: क्या देखी है शराब का सेवन करने वाली मां दूर्गा, यहां नेता भी आते हैं टिकट की मन्नत करने

Dunja Mata, Dooni tonk: देश में आपने कई मंदिर और धार्मिक स्थल देखें होंगे, लेकिन ऐसा मंदिर नहीं देखा होगा जहां मूर्ति सुरापान यानी शराब का सेवन करती हो. आज हम आपकों राजस्थान के टोंक जिले में दूनी नगर पालिका क्षेत्र में स्थित दूणजा मां के ऐतिहासिक मंदिर में आज भी शराब का भोग लगाया जाता है. टोंक जिले के दूनी में सदियों से स्थापित दुणजा माता मंदिर में सुरापान कराने की मान्यता है, माता दरबार में लोग काम की अर्जी लगाते हैं. जहां भक्तों को सुरापान करती दूणजा माता के दर्शन होंगे. दूणजा माता मंदिर तालाब किनारे स्थित है. नवरात्रि में नो दिन तक बड़ी संख्या में भक्त मनोकामना लेकर यहां आते हैं.

यहां भक्तों की मुराद पूरी होती है. वो माता को सुरापान करवाते है. शराब की बोतल माता के मुंह से लगाते ही खाली होने लगती हैं. शेष मदिरा भक्तों के लिए छोड़ देती है.
दूणजा माता की लोगों में ख़ासी मान्यता है. जिस किसी भक्त ने श्रद्धा और विश्वास से माता के दरबार में अपने काम की अर्ज़ी लगाई, माता उसे पाती देती है. जिसे पाती मिल गई, समझो उसका काम बन गया. पाती एक फूल की पंखुड़ी होती है जो माता जी के सामने बैठ कर मांगी जाती है. अपने काम की पाती मांगने वाला भक्त माता जी के सामने भोपा के माध्यम से एक काग़ज़ रख देता है. या वैसे ही पाती मांगने की अरदास कर लेता है. यदि उस भक्त का काम होने वाला होता है तो माता जी की पौशाक में जड़े फूलों में से एक पंखुड़ी गिर कर उस काग़ज़ में गिर जाती है.

मान्यता है कि माता जी ने पाती दे दी तो समझो काम पक्का. फिर भक्त वहां मन में बोलता है कि ‘हे मां मुंझे सफलता मिलते ही मैं तुझे अपनी और से पोशाक धारण करवाउंगा या सुरापान करवाउंगा या सवामणि का प्रसाद चढ़ाऊंगा. ’ जो भक्त बोलता है वह माता को प्रसन्न करने के लिए वैसा ही करता है.

प्रमोशन, संतान प्राप्ति से लेकर नेता भी मांगते है मन्नते:

माताजी के दरबार में आस्था रखने वाले ग्रामीण लोग ही नहीं, अच्छे पढ़े-लिखे लोग,अफसर और राजनेता भी शामिल है. यहां प्रमोशन, संतान प्राप्ति से लेकर नेता भी चुनावों में टिकट पाने के लिए मन्नत मांगते है.

गहरी खाई खुदवाने पर भी नहीं लगा शराब का सुराग

पुजारी ने बताया कि माताजी द्वारा भक्तों का सुरापान करने के रहस्य को जानने के लिए सालों पहले तत्कालीन राजा ने मंदिर के नीचे चारों ओर गहरी खाई खुदवाई थी. लेकिन कहीं भी माताजी द्वारा किए गए मदिरापान का सुराग नहीं लगा. आखिर कर थक हार कर राजा भी माताजी की इस अलौकिक शक्ति और चमत्कार कायल हो गए.

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