Sikar News : सीकर में राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण विधेयक 2023 के विरोध में आज साधु संतों के सानिध्य में मंदिर महंत और सर्व समाज के लोगों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर विधायक में संशोधन करने की मांग उठाई है.
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Sikar : सीकर में राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण विधेयक 2023 के विरोध में आज साधु संतों के सानिध्य में मंदिर महंत व सर्व समाज के लोगों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर विधायक में संशोधन करने की मांग उठाई है. ज्ञात रहे राजस्थान विधानसभा में हाल ही में पास हुए राजस्थान मेला प्राधिकरण विधेयक के सख्त प्रावधानों के चलते बिल में संशोधन करने की मांग को लेकर प्रदेश के बड़े मंदिरों और दरगाह पर लगने वाले मेले में निजी ट्रस्टों को जिम्मेदार बनाए जाने से परेशान धर्मगुरु महंत और निजी ट्रस्ट संचालक इस विधेयक का विरोध करने लगे हैं.
सीकर में भी मेला प्राधिकरण विधेयक 2023 में संशोधन की मांग को लेकर बीते दिन भी शहर के बजाज रोड स्थित चौकड़ी का भवन में लोहार्गल सूर्य मंदिर के पीठाधीश्वर अवधेश आचार्य महाराज व पालवास के करणी माता मंदिर के महंत चंद्रमादास महाराज के सानिध्य में सभी धर्मों के धर्मगुरुओं की धार्मिक सभा का आयोजन किया गया था. वहीं आज साधु संतों के सानिध्य में सर्व समाज के लोगों ने सर्वधर्म संरक्षण समिति के नेतृत्व में राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को विभिन्न मांगों का ज्ञापन सौंपकर विधेयक में संशोधन करने की मांग उठाई है.
राजस्थान एक धार्मिक स्थान
इस दौरान धर्मगुरुओं ने कहा कि राजस्थान एक धार्मिक स्थान है और यहां हर साल अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक मेलों का आयोजिन किया जाता हैं. जिसमें देश-विदेश के पर्यटक और स्थानीय लोग अपनी स्वेच्छा से बड़ी संख्या में भाग लेने पहुंचते हैं. इसलिए आयोजन की पूरी जिम्मेदारी आयोजन प्रबंधन पर डालना सही नहीं है. इसमें आयोजकों को स्थानीय प्रशासन कभी सहयोग मिले ताकि मेले की व्यवस्था सही ढंग से की जा सके और किसी तरह की अव्यवस्था ना हो.
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राज्यपाल ही कर सकते हैं संशोधन
लोहार्गल महंत अवधेश आचार्य महाराज ने कहा कि राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण विधेयक 2023 राजस्थान की विधानसभा में पास हो चुका है और अब इस विधेयक में राज्यपाल ही संशोधन कर सकते हैं. राजस्थान विधानसभा में पास हुए इस विधेयक से प्रदेश भर के सभी धर्मों के धर्मगुरु को आघात लगा है और वह निराशाजनक व असमंजस की स्थिति में है. इसलिए आज राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर विधेयक में संशोधन करने की मांग उठाई गई है. उन्होंने कहा मेला आयोजन के लिए जो कमेटी बनाई गई है उसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मंदिर कमेटी के लोगों को भी शामिल करना चाहिए.
कमियों के बारे में सरकार को बताएं
जिस मेले या धर्मिक आयोजन में जो कमियां हों उनके बारे में सरकार को उन्हें अवगत करवाना चाहिए. जिससे उन्हें समय रहते पूरा किया जा सके. मुख्यमंत्री की ओर से दोबारा से इस विधेयक को लागू किया गया है जिसे रोका जाए. राजस्थान सरकार को इस विधेयक पर एक वापस से पुनर्विचार करना चाहिए.