राजस्थान न्यूज: पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नूंह दंगों को प्रायोजित दंगा बताया. वहीं मलिक ने कहा कि पुलवामा हमले में भी केंद्र सरकार ने ही जवानों को मरवाया था. इसके अलावा उन्होंने अन्य बातें कहीं.
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सीकर न्यूज: पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक दिवसीय दौरे पर सीकर आए. यहां मालिक जाट-मुस्लिम व मेघवाल भाईचारा सम्मेलन में उन्होंने शिरकत की. सम्मेलन के मुख्य वक्ता पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, किसान नेता राधेराम गोदारा सहित अनेक लोग थे. इस मौके पर आयोजकों की और से अतिथियों का स्वागत किया गया. इस दौरान मशहूर सिंगर अजय हुड्डा व अमन गिल की टीम ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी.
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए कहा कि अब ऐसे कार्यक्रमों की जरूरत है क्योंकि वर्तमान में कोशिश यह हो रही है कि देश में हिंदू-मुस्लिम दंगे करा दिए जाएं. बीते दिनों नूंह में भी कोशिश हुई जिसे किसानों ने कामयाब नहीं होने दिया.
अब सरकार दिल्ली में मोदी की नहीं बनेगी- मलिक
सत्यपाल मलिक ने कहा कि अब सरकार दिल्ली में मोदी की नहीं बनेगी. पुलवामा हमले में भी केंद्र सरकार ने ही जवानों को मरवाया था. क्योंकि इन्होंने जवानों को हवाई जहाज ही नहीं दिए. मलिक ने कहा की 4 महीने तक जवानों की एप्लीकेशन होम मिनिस्ट्री में पड़ी रही. मलिक ने कहा कि यदि मुझे हवाई जहाज देने के लिए कहते तो मैं ही दे देता.
नूंह दंगों को बताया प्रयोजित
नूंह दंगों पर बोलते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि वह प्रायोजित देंगे थे. केंद्र सरकार इसे मुजफ्फरनगर, आगरा,भरतपुर और जयपुर तक फैलाना चाहती थी. लेकिन किसानों ने उनका साथ नहीं दिया तो दंगे नहीं फैले. यह अब भी ऐसी ही कोशिश करेंगे लेकिन हमें उसमें घुसने की जरूरत नहीं है. सत्यपाल मलिक ने कहा कि मोदी और केंद्र सरकार दोनों ही 100% देश विरोधी हैं. मणिपुर में मोदी गए तक नहीं है.
सत्यपाल मलिक ने कहा कि यदि यह सरकार नहीं बदली तो इस देश में खेती, फौजी और जो भी अच्छा है वह सब कुछ खत्म हो जाएगा.मलिक ने कहा कि हिंदुस्तान का पूरा इतिहास हिंदू और मुसलमान की एकता का रहा है. ऐसे में हिंदू-मुसलमान के चक्कर में पढ़ने की जरूरत नहीं है. मलिक ने कहा कि हल्दीघाटी में राणा प्रताप की तरफ से जो सेनापति था उसका नाम हकीम खां था. इसी तरह से राणा सांगा के साथ हसन खां मेवाती लड़े थे. देश का इतिहास ऐसे लोगों से भरा पड़ा है.
मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार खेती और फौजी को खत्म करना चाहती है. मलिक ने कहा कि दिल्ली में मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि सावधान रहना चुनाव आने से पहले मोदी कोई ना कोई खुराफात करेंगे. राम मंदिर पर बम फिंकवा सकते हैं या किसी बीजेपी के नेता का कत्ल करवा,कहीं दंगा करवा सकते हैं. तीसरे दिन ही नूंह में प्रायोजित दंगा हो गया. वह सरकारी दंगा था जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के द्वारा करवाया गया था. नूंह के मेव लोग बिल्कुल कम्यूनल नहीं है. मलिक ने कहा कि इस दंगे में सरकार ने कोशिश की कि किसानों जिनमें खास तौर पर जाटों को भड़काएं. लेकिन वहां के खाप चौधरियों को पता था कि इतिहास क्या है.
मलिक ने कहा कि मुझे अफसोस है कि आज तक पुलवामा हमले में पता नहीं चल पाया है कि जवानों की शहादत क्यों और कैसे हुई. मलिक ने मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बहुत खतरनाक, निर्दयी और दुष्ट लोग हैं इनको हटाना कर्तव्य है.
किसान नेता राधेराम गोदारा ने संबोधित करते हुए कहा कि जाट मुस्लिम व मेघवाल सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द और सभी समाज-वर्ग को एकजुट होकर रहे. उन्होंने कहा केंद्र सरकार धर्म और जाति के नाम पर लड़ाने का काम कर रही है. जिसका जीता जागता उदाहरण नूंह के देंगे है जो एक प्रायोजित देंगे थे. पिछले वर्ष किसान दिल्ली की बॉर्डर पर पड़े रहे लेकिन सरकार ने उनकी सुध नहीं ली.
वही जंतर मंतर पर महिला पहलवान ने धरना प्रदर्शन किया लेकिन मामले आरोपी बृजभूषण सिंह पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने गजेंद्र सिंह के जोधपुर में अलाउद्दीन खिलजी सहित मुगल शासकों पर दिए गए बयान पर भी जमकर तंज कसे. इस दौरान सीकर, चूरू, झुंझुनू व हरियाणा सहित कई स्थानों से युवा किसान मजदूर व आमजन मौजूद रहा.
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