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पाली: जोधपुर संभाग के सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन है मारवाड़ जंक्शन. जो सीधा दिल्ली अहमदाबाद मार्ग से जुड़ा है. अब फ्रेटकोरिडोर बन जाने से मारवाड़ की अहमियत और बढ़ गई तो सेसान पर गाड़ियों का आवागमन भी बढ़ गया. माल की ढुलाई ओर लदान भी दिन रात चलता रहता. जिले में आमजन और गरीबों के लोए गेहूं इसी मारवाड़ जंक्शन के खुले यार्ड में पंजाब हरियाणा से पहुंचता है . कई सालों से यार्ड खुला पड़ा है सर्दी गर्मी हो या बारिश.
सबसे अधिक नुकसान बारिश के मौसम में होता है. लाखों टन गेहूं को खुले आसमान तले उतार दिया जाता, जिसमें न केवल जानवर मुहं मारते बल्कि बारिश आने पर ये गेहूं पूरी तरह भीग जाता है . प्रशासन भी औचारिकता निभाते हुए तिरपाल ढकता है जो नाकाफी है. पूरा गेहूं पानी से न केवल भीग जाता बल्कि सड़ भी जाता है.
रेलवे स्टेशन पर उचित सुरक्षित व्यवस्था एवं टिन सेड नहीं होने से अन्य राज्यों से आने वाले गेहूं को मुख्य सड़क मार्ग पर ही खुले में उतार दिया जाता है और बारिश के दिनों में करोड़ों का नुकसान के साथ गरीबों का निवाला भी पानी की भेंट चढ़ जाता है, जिससे कि हर वर्ष बरसात की ऋतु में लाखों टन अनाज बेकार हो जाता और बाद में यही सड़ा हुआ गेंहू आमजन में वितरित भी कर दिया जाता है.
एफसीआई प्रबंधक राजेंद्र तेली ने बताया कि कई बार स्थानीय प्रशासन रेल प्रशासन को यहां पर टीन शेड लगाने एवं सड़क मार्ग को थोड़ा ऊंचा करने की मांग की गई, लेकिन हर बार अनसुना कर दिया गया ये सही है कि बारिश के दिनों में लाखों टन अनाज खराब होता है, लेकिन हम कर भी कुछ नहीं सकते.
महीने में 28 दिन यहां रेलवे स्टेशन पर पंजाब एवं हरियाणा से मारवाड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर लाखों टन गेहूं पहुंचता है, जहां ट्रकों के माध्यम से एफसीआई के गोदामों तक पहुंचाया जाता है,
इस बार भी सावन के महीने में लाखों टन गेंहू बरसाती पानी की भेंट चढ़ गया. इस अव्यवस्था पर रेलवे अधिकारी भी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.
Reporter- Subhash Rohiswal
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