Jaisalmer Bird Flu: जैसलमेर की आबोहवा में एक अजीब सी बीमारी फैल रही है, जो पशु-पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. यहाँ बीते दिनों प्रवासी पक्षी कुरजा की मौत हुई थी, जिसके बाद बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई. इस बीमारी ने कुरजा के अलावा गिद्ध और कोयल की भी जान ले ली. अब तक 32 कुरजा की मौत हो चुकी है, और मेडिकल टीम और स्थानीय प्रशासन इसे रोकने के लिए जुटे हुए हैं. लेकिन अब एक नई चिंता पैदा हो गई है, जब शनिवार को जैसलमेर में राजस्थान के राज्य पशु चिंकारा की मौत हो गई.
देगराय ओरण में एक चिंकारा की मौत हो गई है, जिससे इलाके में चिंता बढ़ गई है. यह घटना 11 जनवरी को प्रवासी कुरजां पक्षियों की बर्ड फ्लू से मौत के बाद हुई है, जिससे पूरे इलाके में चिंता का माहौल है. देगराय ओरण में बीमार अवस्था में मिले चिंकारा को इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन वह इलाज के दौरान ही दम तोड़ गया. यह घटना इलाके में एक नई चिंता पैदा कर गई है.
जैसलमेर के देगराय ओरण में एक चिंकारा की मौत हो गई है, जिसके बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए पशुपालन विभाग को सौंप दिया गया है. वन विभाग की टीम ने चिंकारा को बीमार अवस्था में लुणेरी नाड़ी के पास पाया था और तुरंत इलाज के लिए प्रयास किया था, लेकिन वह बचाया नहीं जा सका. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही यह पता चल पाएगा कि चिंकारा की मौत का कारण क्या था.
वन विभाग के वनरक्षक केसराराम ने बताया कि लुणेरी नाड़ी के पास पहले भी मृत पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. इसी इलाके में चिंकारा की मौत होने से आशंका है कि उसकी मौत भी बर्ड फ्लू के कारण हुई हो सकती है. हालांकि, इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगी. यह भी संभव है कि चिंकारा की मौत किसी अन्य बीमारी के कारण हुई हो.
वन विभाग ने चिंकारा की मौत के बाद क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी है और लुणेरी नाड़ी क्षेत्र की निगरानी कर रहा है. इसका मकसद है कि किसी और जानवर या पक्षी को खतरे से बचाया जा सके. बर्ड फ्लू की दहशत के बीच अब जैसलमेर में किसी दूसरी बीमारी के फैलने की चर्चा हो रही है, लेकिन यह अभी जांच का विषय है. वन विभाग की टीम क्षेत्र में निगरानी रखे हुए है और आवश्यक कदम उठा रही है.