बेरोजगारों ने मंत्रियों को पीड़ा बताते हुए कहा कि वर्तमान में आईटीआई कॉलेजों की दशा बहुत दयनीय है. राजस्थान के आईटीआई कॉलेजों में शैक्षणिक स्टाफ की करीब 80 फीसदी तक कमी चल रही है.
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Jaipur: पीसीसी में हर रोज मंत्री दरबार में फरियादियों की फरियाद सुनी जा रही है और इस मंत्री दरबार में बड़ी संख्या में बेरोजगार भी अपनी फरियाद लेकर पहुंच रहे हैं. आज बड़ी संख्या में प्रदेशभर से एकत्रित हुए बेरोजगारों ने मंत्री दरबार में पहुंचकर मंत्री लालचंद कटारिया और मंत्री अशोक चांदना से आईटीआई कॉलेजों में शैक्षणिक स्टाफ की भर्ती की गुहार लगाई. साथ ही साल 2019 के बजट में कौशल नियोजन विभाग में घोषित 1500 पदों पर जल्द से जल्द कनिष्ठ अनुदेशक भर्ती निकालने की भी मांग की.
बेरोजगारों ने मंत्रियों को पीड़ा बताते हुए कहा कि वर्तमान में आईटीआई कॉलेजों की दशा बहुत दयनीय है. राजस्थान के आईटीआई कॉलेजों में शैक्षणिक स्टाफ की करीब 80 फीसदी तक कमी चल रही है. जबकि हर साल बजट में आईटीआई कॉलेज खोलने के साथ ही नये पद भी स्वीकृत करने की घोषणा की जा रही है लेकिन इसके उलट धरातल पर हालात ठीक नहीं है. आईटीआई कॉलेजों में पढ़ाने वाले कनिष्ठ अनुदेशकों के 80 फीसदी से ज्यादा पद खाली चल रहे हैं. जबकि भारत सरकार प्रशिक्षण महानिदेशालय डीजीटी द्वारा नियमों के अनुसार राज्य में आईटीआई कॉलेजों में 70 फीसदी स्थाई पद भरे होना जरुरी है. बहुत से कॉलेज तो ऐसे हैं जहां स्थाई अनुदेशक नहीं होने के चलते अतिथि अनुदेशकों के चलते बच्चों का भविष्य अंधकार में है.
गुहार लगाने पहुंचे अभ्यर्थी ने बताया, "आईटीआई कॉलेजों में शैक्षणिक स्टाफ की कमी काफी समय से बनी हुई है. सालों से इसकी शिकायत की जा रही है लेकिन कोई ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. कनिष्ठ अनुदेशकों के 1500 पदों पर बजट 2019 में घोषणा तो हुई थी लेकिन आज तक भर्ती का इंतजार किया जा रहा है."
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