PM Modi diary page viral: पीएम मोदी की डायरी का पन्ना हो रहा वायरल, छुपा हुआ राज आ गया सामने
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PM Modi diary page viral: पीएम मोदी की डायरी का पन्ना हो रहा वायरल, छुपा हुआ राज आ गया सामने

PM Modi diary page viral: पीएम मोदी की एक आदत इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. उनकी डायरी का एक पन्ना इस समय इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है, जो सभी यूजर का ध्यान खींच रहा है.  

PM Modi diary page viral: पीएम मोदी की डायरी का पन्ना हो रहा वायरल, छुपा हुआ राज आ गया सामने

PM Modi dairy page viral: पीएम मोदी की जिंदगी के हर पहलू को आजकल हर कोई जानना और समझना चाहता है, जिससे वह उनकी कर्मठता, लगन और परिश्रम को खुद में ढाल सकें. क्योंकि पीएम की सादगी हर तबके के व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करती है. वहीं पीएम मोदी की एक आदत इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. उनकी डायरी का एक पन्ना इस समय इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है, जो सभी यूजर का ध्यान खींच रहा है.  डायरी में उन्होंने संस्कृत के कुछ सूक्त वाक्यों को लिखा है जिसे आज भी वह अपने भाषणों में इस्तेमाल करते हैं.  

पीएम की डयरी के इस पन्ने से यह तो साबित हो जाता है कि उन्हें नई नई चीजों के बारें में जानना और उनके बारें में  नोट कर लेना उन्हें पसंद है इसलिए यह बात उन्हें सबसे अलग करती है. जिसका उदाहरण उनकी पुरानी डायरी के इस पन्ने को पढ़ कर पता लग जाएगा.

पीएम ने यह डायरी तब लिखी थी जब वह न तो प्रधानमंत्री थे और न ही मुख्यमंत्री.  वह सिर्फ बीजेपी के एक साधारण कार्यकर्ता थे. उन्होंने डायरी में भारत के गौरवशाली दर्शन, परंपरा, विश्व बंधुत्व और विश्व कल्याण की भावना को बयां करते संस्कृत के सूक्त वाक्यों को लिखा है. डायरी में लिखा है- हमारी चेतना है, हमारी प्रकृति है- प्रकृति है- विविधता में एकता. कार्य संस्कृति- त्येन त्यक्तेन भूंजिथा: (यानी त्याग पुरस्कृत होता है, फलदायी होता है)कार्यशैली- सहनाववतु. सह नौ भुनक्तु. (यानी ईश्वर हम सभी की रक्षा करें. हम सभी का एकसाथ पालन करें.)राष्ट्रीय आकांक्षा- राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम. (यानी मैं अपने जीवन को राष्ट्र की सेवा में समर्पित करता हूं, यह मेरा नहीं है.)Global Vision- वसुधैव कुटुंबकम् (यानी पूरा विश्व, पूरी धरती हमारा परिवार है.)परंपरा है- चरैवेति चरैवेतियानी चलते रहना, लगातार चलते रहना, नए विचारों के लिए तैयार होकर चलते रहना.सपना है- सर्वे अपि सुखिनः सन्तुइसका अर्थ है कि हमारा सपना है कि पूरी दुनिया सुखी रहे.मर्यादा है- न कामये राज्यम, न स्वर्गम्, ना पुनर्भवम्ःइसका अर्थ है कि मेरी न किसी राज्य के राजा बनने की कामना है और न ही स्वर्ग की कामना है. और ना ही पुनर्जन्म की कामना है. ऊर्जा है- वंदे मातरम् (यानी मातृभूमि का वंदन)प्राण शक्ति है- सौ करोड़ देशवासी और हजारों वर्ष की धरोहर .

 

दरअसल, 'मोदी आर्काइव' नाम के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से डायरी के इस पुराने पन्ने को पिछले महीने शेयर किया गया था. अक्सर इस हैंडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीरों, चिट्ठियों, पुराने वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ-साथ उनसे जुड़े अखबारों की पुरानी कतरने शेयर की जाती हैं.

 इस हैंडल से डायरी का जो पुराना पन्ना शेयर किया गया है, वह ठीक-ठीक किस तारीख का है ये तो नहीं बताया गया है लेकिन डायरी में नरेंद्र मोदी ने एक जगह भारत की 100 करोड़ आबादी का जिक्र किया है. इससे संकेत मिलता है कि उन्होंने ये बातें 1990 के दशक के आखिर या 2000 के दशक की शुरुआत में लिखी थी. इसकी वजह ये है कि 2001 की जनगणना में भारत की आबादी पहली बार 100 करोड़ को पार की थी. 

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