Marriage Certificate Rules: शादी के बंधन में बंधने से पहले जान लें ये नियम, किन लोगों का नहीं बनता है मैरिज सर्टिफिकेट?
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Marriage Certificate Rules: शादी के बंधन में बंधने से पहले जान लें ये नियम, किन लोगों का नहीं बनता है मैरिज सर्टिफिकेट?

Marriage Certificate Rules: मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं. इन नियमों के अनुसार, कुछ विशेष परिस्थितियों में मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनाया जा सकता. आइए जानते हैं किन परिस्थितियों में मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनता.

Marriage Certificate Rules: शादी के बंधन में बंधने से पहले जान लें ये नियम, किन लोगों का नहीं बनता है मैरिज सर्टिफिकेट?

Marriage Certificate Eligibility: मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए निर्धारित नियमों के अनुसार, कुछ विशेष परिस्थितियों में इसका निर्माण नहीं होता. इन नियमों को जानना आवश्यक है ताकि आप अपने मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करते समय किसी भी परेशानी का सामना न करें. आइए जानते हैं किन परिस्थितियों में मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनता.

एक महत्वपूर्ण पड़ाव है शादी का बंधन 
शादी जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जहां दो लोग रस्मों और रिवाजों के साथ साथ जीवन बिताने का फैसला लेते हैं. परिवार भी इस समारोह को धूमधाम से मनाते हैं. भारत में हर धर्म की शादी की प्रक्रिया अलग है और इसके लिए अलग-अलग कानून बनाए गए हैं. शादी के बाद, अधिकांश लोग मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना पसंद करते हैं, जो उनके वैवाहिक संबंध का आधिकारिक प्रमाण होता है. यह सर्टिफिकेट विभिन्न कानूनी और प्रशासनिक कार्यों में उपयोगी होता है.

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मैरिज सर्टिफिकेट के लिए कानूनी दस्तावेज
मैरिज सर्टिफिकेट या विवाह प्रमाण पत्र एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है, जो शादी के बाद पति-पत्नी के वैवाहिक संबंध का प्रमाण होता है. विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए यह दस्तावेज अत्यंत आवश्यक है. हालांकि, मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कुछ निर्धारित नियम हैं, जिनके आधार पर कुछ व्यक्तियों का मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनाया जा सकता. इन नियमों के अनुसार, विशिष्ट परिस्थितियों में मैरिज सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाता.

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भारत में शादी के लिए निर्धारित कानूनी उम्र
भारत में शादी के लिए निर्धारित कानूनी उम्र सीमा के अनुसार, लड़की की उम्र कम से कम 18 वर्ष और लड़के की उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी आवश्यक है. यदि शादी के समय दोनों में से किसी की भी उम्र इस सीमा से कम होती है, तो ऐसी शादी वैध नहीं मानी जाती और मैरिज सर्टिफिकेट नहीं जारी किया जाता. यह नियम शादी के समय उम्र सीमा के उल्लंघन को रोकने के लिए बनाया गया है, ताकि नाबालिग विवाह को रोका जा सके. इसलिए, नियमों के अनुसार, अवैध उम्र में हुई शादी के लिए मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनाया जाता.

 मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कुछ शर्तें
इसके अलावा, मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कुछ और शर्तें हैं. यदि कोई व्यक्ति दिल्ली में रहता है और उसने दिल्ली के बाहर शादी की है, तो उसका मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनाया जाएगा. इसी तरह, भारत के अन्य राज्यों में भी यदि कोई निवासी अपने राज्य से बाहर शादी करता है, तो वह मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए अपात्र होगा. इसके अलावा, शादी के बाद 5 साल के भीतर मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनवाने पर, व्यक्ति को बाद में सर्टिफिकेट बनवाने की अनुमति नहीं होगी. ये नियम मैरिज सर्टिफिकेट की प्रामाणिकता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं.

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मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन 
मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने के लिए निर्धारित नियमों के अनुसार, नव विवाहित दंपत्ति को शादी के 30 दिनों के भीतर मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना आवश्यक है. यदि 30 दिनों के भीतर आवेदन नहीं किया जाता है, तो इसके बाद लेट फीस के साथ 5 साल तक कभी भी आवेदन किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए मैरिज रजिस्ट्रार से विशेष अनुमति लेनी होती है. यह नियम मैरिज सर्टिफिकेट की प्रामाणिकता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है.

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