Rajasthan News: राजस्थान में भी मध्यप्रदेश की तर्ज पर चीता कॉरिडोर बनने जा रहा है. यह काम जल्द ही शुरू किया जाएगा. चीतों के संरक्षण के लिए 25 साल की प्लानिंग बनाई गई है.
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Rajasthan News: मध्यप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में चीता कॉरिडोर बनेगा. जल्द ही राज्य में चीता कॉरिडोर बनाने का काम शुरू करेगा. चीतों के संरक्षण के लिए 25 साल की प्लानिंग बनाई गई है. आने वाले दिनों में वन विभाग चीता कॉरिडोर क्षेत्र को विकसित करेगा.
राजस्थान में भी बनेगा चीता कॉरिडोर
मध्यप्रदेश के कूनो की तरह अब जल्द ही राजस्थान में भी चीता कॉरिडोर बनेगा. केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट में राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश को मिलकर चीतों के संरक्षण पर काम कर रहे हैं. जल्द ही राजस्थान के वन विभाग इसका काम शुरू करेगा. राज्य में धौलपुर से लेकर रावतभाटा तक 400 किलोमीटर के वन एरिया में चीता कॉरिडोर बनाया जा रहा है.
केंद्र सरकार ने चीता कॉरिडोर योजना के तहत मध्य प्रदेश में बसाए गए चीतों के संरक्षण के लिए 25 सालों की प्लानिंग की है. जिसके तहत राजस्थान सहित तीन राज्यों के 27 डिवीजन को मिलाकर एक बड़ा चीता संरक्षण क्षेत्र विकसित किया जाएगा.
प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिजीत बनर्जी का कहना है कि जल्द ही चीता कॉरिडोर शुरू किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने चीता कॉरिडोर को लेकर काम भी शुरू कर दिया है. अमेरिका को कॉरिडोर शुरू करने में 75 साल लग गए, उम्मीद है कि राजस्थान में चीता कॉरिडोर शुरू करेगा. चीता कॉरिडोर के जरिए राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के चीते इन राज्यों में आ जा सकेंगे.
400 किमी के दायरे में बन रहा है चीता कॉरिडोर
कूनो नेशनल पार्क के अलावा मध्य प्रदेश के गांधी सागर में चीतों का नया घर लगभग तैयार किया जा चुका है. चीता सिर्फ कूनो तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर बनाया जा रहा है. यह कॉरिडोर मध्य प्रदेश के कूनो से शिवपुरी होते हुए राजस्थान के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व और मंदसौर के गांधी सागर सेंचुरी तक फैला होगा.
साथ ही धौलपुर से लेकर रावतभाटा तक 400 किलोमीटर के वनखंड के एरिया में चीता कॉरिडोर बनाया जा रहा हैं. चीता संरक्षण के लिए मध्य प्रदेश के शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, अशोक नगर, गुना, नीमच मंदसौर जिले शामिल होंगे. इसके अलावा राजस्थान के धौलपुर, सवाई माधोपुर, बारां, कोटा, रावतभाटा, करौली, झालावाड़, बूंदी और चित्तौड़गढ़ समेत अन्य वन क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा. जबकि उत्तर प्रदेश के झांसी और ललितपुर वन क्षेत्र को भी इस परियोजना में शामिल किया जाएगा. अरिजीत बनर्जी का कहना है कि फिलहाल दो चीते खुले में घूम रहे है.आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ सकती है.
पर्यटन के साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
कूनो से चीता राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा में पहुंच रहा है. इसको लेकर सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर बनाया जा रहा है. जिसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 27 डिवीजन के वन क्षेत्र को शामिल किया जा रहा हैं. चीता कॉरिडोर योजना में राजस्थान के 13, मध्य प्रदेश के 12 और उत्तर प्रदेश की दो डिवीजनों को शामिल किया जा रहा है. राजस्थान में चीता कॉरिडोर के फैसले के बाद पर्यटन के साथ रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे.