पायलट को लेकर टेंशन में थे गहलोत, इधर इस नेता ने दे डाली खुली चुनौती, कहा- हमें हक नहीं दिया तो...
Advertisement
trendingNow11678123

पायलट को लेकर टेंशन में थे गहलोत, इधर इस नेता ने दे डाली खुली चुनौती, कहा- हमें हक नहीं दिया तो...

डूडी ने पहले भी कई मौकों पर ये मांग उठाई है. उन्होंने जयपुर में कहा कि जाट समाज से मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग समाज का अधिकार भी है और हक भी है. अगर ये हक नहीं मिला तो इसे लेना कैसे है ये समाज बेहतर जानता है. डूडी ने जयपुर में कहा कि जाट समाज की इस मांग को कई बार आलाकमान के सामने उठाया गया है. 

पायलट को लेकर टेंशन में थे गहलोत, इधर इस नेता ने दे डाली खुली चुनौती, कहा- हमें हक नहीं दिया तो...

राजस्थान में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए सचिन पायलट के अलावा एक और चुनौती खड़ी हो गई है. राजस्थान के जाट समाज के लोगों ने भी कुर्सी के लिए अपने नेता की मांग रख दी है और इनकी अगुवाई कर रहे हैं राजस्थान कृषि उद्योग विकास बोर्ड के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी. ऐसे में गहलोत के लिए चुनाव में विपक्ष से लड़ने से पहले अपनी पार्टी के अंतर कलह से दो-चार होना पड़ेगा.

रामेश्वर डूडी ने जाट समाज की तरफ से आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में जाट समाज के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है, ऐसे में इस समाज के लोगों को अपना मुख्यमंत्री मिलना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्षों से ये समाज अपने बीच के किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने की मांग करता रहा है और अब ये समाज अपने इस मांग को पूरा करवाकर ही दम लेगा. डूडू ने कहा कि जाट समाज को अगर ये हक नहीं मिला तो ये समाज इसे लेना भी जानता है.

अब गहलोत के लिए दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है. हालांकि, दबे जुबान ये भी कहा जा रहा है कि गहलोत गुट की तरफ से ही रामेश्वर डूडी को आगे किया गया है और जाट समाज की मांग को उठाने के लिए कहा गया है ताकि चुनाव से पहले सचिन पायलट गुट की मांग को बैलेंस किया जा सके. यानी एक तरफ गुर्जर समाज तो दूसरी तरफ जाट समाज. अगर गहलोत गुट की तरफ से ये कदम नहीं उठाया गया है तो ये राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में गहलोत के गले की फांस बन सकता है.

डूडी ने पहले भी कई मौकों पर ये मांग उठाई है. उन्होंने जयपुर में कहा कि जाट समाज से मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग समाज का अधिकार भी है और हक भी है. अगर ये हक नहीं मिला तो इसे लेना कैसे है ये समाज बेहतर जानता है. डूडी ने जयपुर में कहा कि जाट समाज की इस मांग को कई बार आलाकमान के सामने उठाया गया है. 

उन्होंने कहा कि अगर आज राजस्थान में जातिगत जनगणना करवाई जाए तो साफ हो जाएगा कि जाट समाज की क्या स्थिति है. जाट समाज यहां बाहुल्य समाज है. अगर ये समाज अपने बीच के किसी को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहा है तो वो उसका हक है और उसे ये मिलना ही चाहिए. दूसरे समाज के लोग भी मानते हैं कि ये समाज राजस्थान का सबसे बड़ा समाज है.

सवाल तो इस बात को लेकर भी है कि अचानक डूडी पायलट के खिलाफ क्यों नजर आने लगे हैं. इससे पहले वो उनके समर्थक माने जाते थे.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news