Amritpal Singh Mother: लोकसभा का सांसद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का एक बयान इन दिनों खूब चर्चा में है, यह बयान अमृतपाल सिंह ले सांसद की शपथ लेने के बाद दिया है. जिसमें मां ने कुछ बातें अपने बेटे के लिए कही थी.
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Amritpal Singh: लोकसभा के सांसद के तौर पर खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने शपथ ले ली है. शपथ लेने के बाद उन्हें फिर से असम की डिब्रूगढ़ जेल वापस भेज दिया गया है. अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने लोकसभा सांसद की शपथ लेने के बाद अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक बयान जारी किया है. उन्होंने अपनी मां के बयान से खुद को अलग करते हुए पोस्ट में कहा 'जब मुझे आज मां द्वारा कल दिए गए बयान के बारे में पता चला तो मेरा दिल बहुत दुखी हुआ. बेशक, मुझे यकीन है कि यह बयान सच है."
सबसे पहले देखें अमृतपाल सिंह ने क्या लिखा?
ਰਾਜ ਬਿਨਾ ਨਹਿ ਧਰਮ ਚਲੈ ਹੈਂ॥
ਧਰਮ ਬਿਨਾ ਸਭ ਦਲੈ ਮਲੈ ਹੈਂ॥ਗੁਰੂ ਰੂਪ ਗੁਰੂ ਪਿਆਰੀ ਸਾਧ ਸੰਗਤ ਜੀਓ ॥
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਾ ਖਾਲਸਾ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਹਿ ॥ਕੱਲ ਮਾਤਾ ਜੀ ਵੱਲੋਂ ਦਿੱਤੇ ਬਿਆਨ ਬਾਰੇ ਜਦੋਂ ਅੱਜ ਮੈਨੂੰ ਪਤਾ ਲੱਗਾ ਤਾਂ ਮੇਰਾ ਮਨ ਬਹੁਤ ਦੁਖੀ ਹੋਇਆ ॥ਬੇਸ਼ੱਕ ਮੈਨੂੰ ਇਹ ਯਕੀਨ ਹੈ ਕਿ ਮਾਤਾ ਜੀ ਵੱਲੋਂ ਇਹ ਬਿਆਨ ਅਣਜਾਣੇ ਵਿੱਚ…
— Amritpal Singh (@singhamriitpal) July 6, 2024
मां के बयान पर जताया दुख
अमृतपाल सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा कि आज जब मुझे मां द्वारा दिए गए बयान के बारे में पता चला तो मेरा मन बहुत दुखी हुआ. बेशक, मुझे यकीन है कि यह बयान मां ने अनजाने में दिया होगा, लेकिन फिर भी ऐसा बयान मेरे परिवार या मेरा समर्थन करने वाले किसी भी व्यक्ति की तरफ से नहीं आना चाहिए. खालसा राज्य का ख्वाब देखना कोई गुनाह नहीं, गर्व की बात है. जिस रास्ते के लिए लाखों सिखों ने अपनी जान कुर्बान की है, उससे पीछे हटने का हम ख्वाब में भी नहीं देख सकते.
परिवार को छोड़ दूंगा
अमृतपाल ने आगे कहा, "मैंने मंच से बोलते हुए कई बार कहा है कि अगर मुझे पंथ और परिवार में से किसी एक को चुनना पड़े, तो मैं हमेशा पंथ को ही चुनूंगा. अमृतपाल सिंह ने अपने पोस्ट में कहा, "मैंने इसके लिए अपने परिवार को कभी नहीं डांटा. सिख राज्य पर समझौते के बारे में सोचना भी अस्वीकार्य है और उम्मीद है कि आगे यह गलती दोहराई जाएगी."
जेल से दिल्ली सांसद की ली शपथ
पंजाब के खडूर साहिब (Khadoor Sahib) सीट से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को (5 जुलाई) को लोकसभा के सदस्य के तौर पर शपथ दिलाई गई. लोकसभा सांसद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को शपथ दिलाने के लिए असम के डिब्रूगढ़ जेल से दिल्ली लाया गया था. शपथ लेने के बाद उन्हें फिर से दिल्ली से डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया है. खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की शपथ के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए थे. अमृतपाल सिंह को हवाई जहाज से असम से सीधे नई दिल्ली लाया गया था. इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा सदस्य के रूप में उन्हें शपथ दिलाई थी.
मां ने क्या दिया था बयान
जेल में बंद अमृतपाल सिंह के लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद उनकी मां ने कहा था कि उनका बेटा (अमृतपाल) खालिस्तानी समर्थक नहीं हैं. युवाओं के पक्ष में बोलने से वह "खालिस्तानी समर्थक" नहीं बन जाता. क्या पंजाब के बारे में बोलना, पंजाब के युवाओं को बचाना उन्हें खालिस्तानी समर्थक बनाता है? उन्होंने संविधान के दायरे में चुनाव लड़ा और अब उन्हें (खालिस्तानी समर्थक) नहीं कहा जाना चाहिए.
मां बेटे के सांसद बनने पर खुश
#WATCH | Amritsar, Punjab: 'Waris Punjab De' Chief and independent MP from Khadoor Sahib Lok Sabha seat Amritpal Singh's mother, Balwinder Kaur says, "I congratulate all the supporters...He should have also been allowed to take oath as a Lok Sabha MP in June with the other… pic.twitter.com/zMIzPo7a5f
— ANI (@ANI) July 5, 2024
अमृतपाल सिंह की मां ने अपने बेटे के सांसद बनने पर खुशी जाहिर की थी. उनका कहना था कि उनके बेटे को जून में ही शपथ की इजाजत मिलनी चाहिए थी. अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने कहा, ''मैं सभी समर्थकों का आभार जताती हूं. उन्हें दूसरे सांसदों की तरह जून में ही लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ की इजाजत दी जानी चाहिए थी. लोकसभा सांसद के रूप में शपथ लेने पर उनके समर्थक बेहद खुश हैं. मैं उसे जेल से रिहा करने की अपील करती हूं.'' अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने भी कहा कि जनता हमारे बेटे से प्यार करती है और वह चाहती है कि उन्हें जेल से रिहा किया जाए ताकि वे अपनी जिम्मेदारी निभा सकें.
शर्तों के साथ मिली थी अमृतपाल को पैरोल, असम की जेल में बद
'वारिश पंजाब दे' के चीफ अमृतपाल को विशेष विमान से दिल्ली लाया गया था. अमृतपाल बीते एक साल से असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. खडूर साहिब के सांसद को चार दिन की पैरोल दी गई है. अमृतपाल को शर्तों के साथ पैरोल दी गई, जिसके तहत वह सार्वजनिक बयान नहीं दे सकते. साथ ही किसी भी तरह की मीडिया कवरेज पर भी प्रतिबंध है.
अमृतपाल और उनके नौ साथियों पर पुलिसकर्मियों पर हमले आरोप हैं. सभी पर एनएसए लगाया गया है. वे सभी असम की जेल में बंद हैं. अमृतपाल ने जेल में रहते हुए ही लोकसभा का चुनाव जीता है. उन्होंने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को हराया था.